- धर्मांतरण केस में यूपीए एटीएस ने तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है
- आरोप है कि ये लोग मूक बधिरों की ब्रेन वाशिंग करते थे
- इस मामले में विदेशों से फंडिंग होने की जानकारी भी सामने आ रही है
लखनऊ : धर्मांतरण के मामले में यूपी एटीएस ने सोमवार को तीन और गिरफ्तारियां की हैं। आरोप है कि ये तीनों मूक बधिरों की ब्रेन वॉशिंग कर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाते थे। इसके लिए इन्हें विदेशों से भी पैसे मिलने की बात सामने आ रही है। करीब 1 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की बात सामने आई है। इस बीच धर्मांतरण कराने वाले इस गैंग के तार बिहार के मुजफ्फरपुर से भी जुड़े होने की बात सामने आ रही है।
उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि धर्मांतरण के मामले में तीन अन्य गिरफ्तारियां दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र से की गई हैं। यूपी एटीएस ने इरफान शेख नाम के शख्स को महाराष्ट्र के बीड से गिरफ्तार किया है, जबकि राहुल भोला नाम के शख्स की गिरफ्तारी की दिल्ली से और मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नाब की गिरफ्तारी हरियाणा में गुरुग्राम से की है।
विदेशों से होती थी फंडिंग
जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से राहुल भोला पर मूक बधिरों की ब्रेन वॉशिंग करने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग होती रही है। अब तक 1 करोड़ रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन की बात सामने आई है। ये पैसे साल 2010 से लेकर जून 2021 के बीच आए हैं। खातों में कैश और चेक के द्वारा पैसों का ट्रांसफर हुआ है। पैसों का यह ट्रांजैक्श कतर, दुबई और अबुधाबी से भी हुआ है।
यूपी एटीएस के मुताबिक, विदेशों से पैसे मंगाने के लिए इस मामले में एक अन्य आरोपी उमर गौतम और उसके परिवार के निजी बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ है, जो देशी मुद्रा (विनियमन) अधिनियम, 2010 के प्रावधानों का उल्लंघन है। आरोप है कि उमर गौतम ने फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट को पैसा निजी इस्तेमाल के लिए अपने और परिवार के खातों में ट्रांसफर कर दिया। उसने इसका कोई ऑडिट नहीं किया और न ही कोई आयकर रिटर्न दाखिल किया।
एटीएस उमर गौतम द्वारा धर्मांतरण कराए गए लोगों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए 32 जिलों के एसपी को इस मामले में कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है। एडीजी ने बताया कि मामले में तथ्यों के आधार पर आगे की जांच होगी।
बिहार से जुड़े मामले के तार
वहीं, मामले के तार बिहार में मुजफ्फरपुर से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं। यूपी एटीएस के अधिकारी यहां भी पहुंचे हुए हैं, जहां उन्होंने मामले में पूछताछ की है। यूपी एटीएस के अधिकारियों ने रागिब असलम नाम के एक शख्स से लगातार दूसरे दिन चार घंटों तक पूछताछ की। यह शख्स हथौड़ी थाना क्षेत्र के हथौड़ी गांव का रहने वाला है। उसके पिता इफ्तकार आलम हथौड़ी पंचायत के मुखिया हैं। एटीएस ने जब रागिब असलम को तलब किया तो उसके पिता खुद उसे लेकर हथौड़ी थाने पहुंचे।
पुलिस मुख्यालय में चार घंटे तक चली पूछताछ के बाद एटीएस ने रागिब का मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिया है। रागिब और उसके पिता को तीन दिन के भीतर नोएडा स्थित एटीएस कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित ज्योति मूक बधिर विद्यालय में टीचर रहे, जहां के एक छात्र आदित्य गुप्ता ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल किया है। रागिब के पिता का कहना है कि वह बचपन से ही मूक बधिर है।
रागिब ने 10वीं तक की पढाई पटना के आशादीप मूक बधिर स्कूल से की, जिसके बाद आईकॉम की पढाई इंदौर के एक स्कूल से और फिर नोएडा स्थित डीफ एन्ड डम्ब स्कूल से हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के साथ कम्प्यूटर की पढाई की। वहीं से उसका सेलेक्शन कानपुर के ज्योति मूक बधिर स्कूल में बतौर टीचर किया गया, जहां 2018-19 में वह टीचर रहे।