- सीएम योगी ने लखनऊ और मेरठ में संपत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन को मंजूरी दी है
- इसके तहत उपद्रवों से होने वाले नुकसान की भरपाई दोषियों से ही की जाएगी
- योगी सरकार ने इस संबंध में सबसे पहले सीएए आंदोलन के दौरान कदम उठाया था
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को होने वाले नुकसान की भरपाई की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के प्रावधान के अनुसार लखनऊ और मेरठ में संपत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक, लखनऊ मंडल के दावा अधिकरण के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत झांसी, कानपुर, चित्रकूट धाम, लखनऊ, अयोध्या, देवी पाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती एवं विन्ध्याचल धाम मंडल की दावा याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी। वहीं मेरठ मंडल के दावा अधिकरण के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, आगरा मंडल की दावा याचिकाओं का विचार किया जाएगा।
दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
यहां उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने इस तरह के उपद्रवों से होने वाले नुकसान की भरपाई दोषियों से ही करने को लेकर सबसे पहले सीएए आंदोलन के दौरान कदम उठाया था। देशभर में जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ धरना-प्रदर्शन हो रहे थे, यूपी सरकार ने इस दौरान तोड़फोड़ व उपद्रव से होने वाले नुकसान की भरपाई इसके लिए जिम्मेदार लोगों की संपत्ति को बेचकर करने का फैसला लिया था। इस इसी दिशा में एक और कदम उठाते हुए लखनऊ और मेरठ में संपत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन को मंजूरी दी गई है।
अधिकरण को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी और इनका फैसला अंतिम होगा। उसके खिलाफ किसी भी अदालत में अपील नहीं की जा सकेगी। क्षतिपूर्ति पाने के लिए उस घटना के तीन माह के भीतर दावा अधिकरण के समक्ष पेश करना होगा, जिसमें संपत्ति का नुकसान होता है। कोई उचित वजह होने पर इसमें 30 दिनों की देरी को अधिकरण माफ कर सकता है।