लखनऊ : उत्तर प्रदेश के DGP ओपी सिंह ने राज्य के गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है। जांच में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन में पीएफआई की संलिप्तता पाई गई है। मंत्रालय द्वारा केंद्र को भेजने से पहले सिफारिशों की समीक्षा की जाएगी।
20 दिसंबर को यूपी के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुआ। इस हिंसा में 19 लोगों की मौत भी हुई। पत्र में कहा गया है कि पीएफआई के कई सदस्य पहले प्रतिबंधित इस्लामिक ग्रुप स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े थे। यूपी सरकार ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसक गतिविधियों में कथित भूमिका के लिए पीएफआई के 22 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि पीएफआई 2010 से भारत के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय है और इस समूह के सदस्य देश में शांति और सद्भाव को बाधित करने में शामिल हैं।
वहीं सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार प्रस्ताव लाकर PFI पर बैन लगाएगी। उन्होंने कहा कि यूपी में हिंसा फैलाने में पीएफआई का हाथ है। सिमी के ही लोग PFI में थे, जिन्होंने हिंसा फैलाई। PFI की स्थापना 22 नवंबर, 2006 को हुई थी और इसका कार्यालय दिल्ली में स्थित है।