- कौमी चौपाल के माध्यम से यूपी सरकार लोगों को जागरूक करना चाहती है।
- गृह मंत्री अमित शाह ने बीते 23 अप्रैल को भोपाल में यूनीफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा बयान दिया था।
- उत्तराखंड सरकार ने यूनीफॉर्म सिविल कोड के लिए कए कमेटी का गठन कर दिया है।
Uniform Civil Code: देश में यूनीफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा और विरोध के बीच उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मामलों के राज्य मंत्री दानिश अंसारी ने कहा कि वह प्रदेश में जगह-जगह कौमी चौपाल आयोजित करके सभी वर्गों, खासकर मुस्लिम समाज को यूनीफॉर्म सिविल कोड के बारे में जागरूक करेंगे और भारतीय जनता पार्टी की सरकार सभी पक्षों से बातचीत करके ही इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगी।
अंसारी ने बुधवार को पीटीआई-भाषा से बातचीत में यूनीफॉर्म सिविल कोड का मामला तूल पकड़ने से जुड़े एक सवाल पर कहा कि समाज जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, उसकी कुछ नई जरूरतें पैदा होती हैं तो उन्हें लागू करना चाहिये। हमारा हर फैसला जनता के हित में होगा। हमारे लिये जनता की राय सबसे महत्वपूर्ण है। हम उसके बगैर कभी आगे नहीं बढ़ते। हम सभी पक्षों से बातचीत कर और जनता से संवाद स्थापित करके ही यूनीफॉर्म सिविल कोड की तरफ आगे बढ़ेंगे।'
कैसे काम करेगी कौमी चौपाल
उत्तर प्रदेश सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री ने कहा कि हम जमीनी स्तर पर जाकर लोगों को, खासकर मुस्लिम समाज को यूनीफॉर्म सिविल कोडके बारे में बताएंगे। हम कौमी चौपाल के माध्यम से सरकार की मंशा को लोगों के सामने रखेंगे। गौरतलब है कि देश में मुसलमानों की प्रमुख संस्था आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूनीफॉर्म सिविल कोड के विचार को अस्वीकार करते हुए इसके पक्ष में कही जा रही बातों की निंदा की है। बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केंद्र की सरकार द्वारा यूनीफॉर्म सिविल कोड का राग अलापना फिजूल बयानबाजी के अलावा और कुछ नहीं है।
भाजपा का है प्रमुख एजेंडा
पिछले कुछ समय से देश में यूनीफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा चर्चा में है। यह भाजपा के एजेंडे में शामिल एक प्रमुख मुद्दा भी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते 23 अप्रैल को भोपाल में भाजपा की एक बैठक के दौरान कहा था कि सीएए, राममंदिर, अनुच्छेद-370 और तीन तलाक जैसे मुद्दों के फैसले हो गए हैं। अब यूनीफॉर्म सिविल कोड की बारी है, जिसे आने वाले कुछ वर्षों में हल कर दिया जाएगा।
वहीं उत्तराखंड की नवगठित भाजपा सरकार ने 24 मार्च को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में यूनीफॉर्म सिविल कोड का मसविदा तैयार करने के लिए समिति गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। उसके बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा था कि राज्य सरकार यूनीफॉर्म सिविल कोड को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है।
मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भाजपा की जीत का दावा
अंसारी ने कहा कि अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम समाज में भाजपा के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। उसे यह मालूम हो गया है कि भाजपा सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लिए पूरी ईमानदारी और तत्परता से काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों के स्वार्थपूर्ण रवैये की वजह से ही देश के मुसलमान विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझा और चुनाव जीतने के बाद उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया। धीरे-धीरे मुस्लिम समाज ने उन दलों की सच्चाई को समझा और उन्हें नकारना शुरू कर दिया। यही वजह है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से भी भाजपा जीत रही है।
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