- वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में पहले किया दर्शन-पूजन
- पाठक ने कहा- 25 दिनों के बाद कई पेंशनों की प्रगति का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा
- 'राज्य सरकार पात्र सभी लोगों को राहत देने के लिए प्रतिबद्ध'
Pension Distribution in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार (छह अगस्त, 2022) को अधिकारियों को चेतावनी दी कि दिव्यांगों समेत तीन प्रमुख श्रेणियों के लोगों के पेंशन वितरण में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी क्योंकि राज्य सरकार पात्र सभी लोगों को राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मथुरा पहुंचे ब्रजेश पाठक ने वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद संवाददाताओं से कहा कि 25 दिनों के बाद सरकार की विभिन्न योजनाओं विशेष रूप से वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन और दिव्यांग पेंशन की प्रगति का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।
पाठक ने कहा कि आवेदनों के सत्यापन के बाद न केवल ‘पात्र’ व्यक्तियों को शत-प्रतिशत पेंशन सुनिश्चित की जाएगी, बल्कि जो पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं, उन्हें विशेष शिविर लगाकर सरकार की विभिन्न पेंशन योजनाओं के दायरे में लाया जाएगा।
वहां जारी विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने आए पाठक ने कहा कि समीक्षा बैठक में प्रत्येक विभाग का बिंदुवार आकलन किया जाएगा और 25 दिन बाद प्रगति की फीडबैक देने का निर्देश दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम बेहतर परिणाम के लिए जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यों में शामिल करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि सरकार लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार काम करेगी।
चिकित्सा और स्वास्थ्य का प्रभार संभालने वाले पाठक ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को निर्देश दिया गया है कि वह नवजात शिशु की मां को प्रसव के बाद 48 घंटे तक अस्पताल में रहने के लिए राजी करें ताकि नवजात शिशु का टीकाकरण हो सके। उन्होंने मथुरा के निवासियों से रविवार को होने वाले कोविड-19 रोधी टीकाकरण कार्यक्रम में भाग लेने की भी अपील की।
पाठक ने स्वास्थ्य विभाग को भी जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की ताकीद की। उन्होंने सीएमओ से कहा कि अस्पतालों में मशीनों की कमी नहीं रहे और रोगियों को चिकित्सा सुविधाएं समय पर एवं समर्पण भाव से उपलब्ध कराई जाएं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी अगर जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे, तो उनके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज को अस्पताल से वापस नहीं भेजा जाए, मरीजों के लिए एम्बुलेंस सेवा के ‘रेस्पॉन्स टाइम’ का भी पूरा ध्यान रखा जाए।