- कोरोना लॉकडाउन के बीच कहीं राशन तो कहीं खाना पहुंचा रही यूपी पुलिस
- एक तरफ लॉकडाउन को लेकर सख्ती तो दूसरी तरफ मसीहा बन रही पुलिस
- महामारी के माहौल के बीच लोगों और पुलिस के बीच की डोर बना कॉल 112
लखनऊ: कोरोना वायरस महामारी से जूझता देश, सड़कों पर पसरा सन्नाटा और लॉकडाउन के बीच परेशानियों से जूझते लोग... मौजूदा दौर कई कहानियां कह रहा है। इंसान के गैर जिम्मेदाराना ढंग से जीने की, किसी आपदा के समय हमारी तैयारियों और एक जुटता की, लोगों को हो रही परेशानियों की और देश व कोरोना महामारी के बीच खड़े कुछ योद्धाओं की। घरों में रहकर कई लोगों को अपनी समस्याएं बड़ी लग सकती हैं लेकिन वास्तव में बीमारों का इलाज कर रहे डॉक्टर और पुलिस जो काम कर रहे हैं उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। यहां हम बात करने जा रहे हैं यूपी पुलिस की ओर से बढ़ाए गए मदद के हाथों की जिनकी वजह से कई लोगों ने चैन की सांस ली।
गर्भवती महिला की मदद से लेकर भूखे लोगों तक खाना और राशन पहुंचाने तक ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब यूपी पुलिस ने लॉकडाउन के बीच लोगों की मदद की। परेशानी के समय 'कॉल 112' सेवा लोगों और पुलिस के बीच संपर्क सूत्र का काम कर रही है। इसी सेवा की मदद से पुलिस लोगों की सुधि ले रही है और उन्हें जरूरी मदद पहुंचा रही है।
प्रसूता की मदद: कुशवाहा गांव के हरिलायपुर थाने में एक प्रसूता ने 112 पर फोन कर बताया कि वह मां बनने वाली है और उसके घर पर खाना नहीं है। महिला का पति मेरठ में रहता था, यहां यूपी पुलिस महिला का सहारा बनी।
भूखे सोने की आई नौबत, पुलिस ने पहुंचाई मदद: तिलहर के बिहारीपुर मुड़िया में बबलू नाम के व्यक्ति के घर पर राशन नहीं था और उसके भूखे सोने की नौबत आ गई थी। 112 नंबर डॉयल करने पर बबलू के लिए पुलिस ने 20 किलो गेहूं, 10 किलो चावल और 5 किलो आलू की व्यवस्था की। जहांगीरगंज थाना क्षेत्र में भी यूपी पुलिस ने लोगों को राशन पहुंचाया। इस तरह के और भी कई मामले सामने आ चुके हैं जहां पुलिस ने लोगों की मदद की।