- दिनेश खटीक का आरएसएस से रहा है नाता
- 2017 में पहली बार चुने गए थे विधायक
- खफा पहले से थे, अचानक फोड़ा लेटर बम
Dinesh Khatik Resignation: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार को झटका लगा है। बुधवार (20 जुलाई, 2022) को कबीना मंत्री दिनेश खटिक ने इस्तीफा दे दिया। सूबे में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री ने अपनी सरकार पर आरोप लगाया कि वह दलित हैं, इस वजह से उन्हें अनसुना कर दिया जाता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिख अपने त्याग पत्र के जरिए खटीक ने आरोप लगाया कहा- अन्याय को लेकर मैंने अफसरों को अवगत कराया, पर उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में मेरा ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है। पीएम की नमामि गंगा योजना और हर घर जल योजना के नियमों भी अनदेखी हुई। मेरे विभाग में स्थानांतरण के नाम पर गलती तरीके से पैसों की वसूली की गई। मैं विभागाध्यक्ष से जब इस बारे में पूछा तो उनकी ओर से फिलहाल कोई एक्शन न लिया गया।
बकौल खटीक, "विभाग में जब दलित समाज के राज्य मंत्री का विभाग में कोई मतलब नहीं है तो फिर ऐसे हालात में राज्य मंत्री के तौर पर मेरा काम करना दलित समाज के लिए बेकार है। मैं इन्हीं सब बातों से आहत होकर इस्तीफा दे रहा हूं।"
आम तौर पर मंत्री इस्तीफे से जुड़ी चिट्ठी सूबे के राज्यपाल या सीएम को लिखते हैं, पर खटीक ने सीधे गृह मंत्री को खत भेजा। सियासी गलियारों में दिनेश के इस कदम को प्रेशर पॉलिटिक्स (दबाव बनाने वाली राजनीति) के तौर पर देखा जा रहा है।
चूंकि, आगे साल 2024 का लोकसभा चुनाव है और इसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी दलित वोट बैंक को साधने के समीकरण के रास्ते पर चलते हुए खटीक को मंत्री पद दिया गया था। वह 2017 में पहली बार विधायक चुने गए। दलित होने के साथ वह संघ की पष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं।
इस बीच, कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने कहा, "यह तो कई बार स्पष्ट हो चुका है कि बीजेपी दलित और पिछड़ा विरोधी है।" वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता डॉ.अनुराग भदौरिया ने कहा- यह सरकार किसी का सम्मान नहीं करती है। यह बस दिल्ली और लखनऊ के बीच में जूझ रही है।