- राज ठाकरे ने मस्जिदों से 3 मई तक लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया है।
- महाराष्ट्र सरकार इस अल्टीमेटम को गंभीरता से ले रही है।
- आदित्य ठाकरे ने बीजेपी और मनसे को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर सलाह दी।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे से जब बीजेपी और राज ठाकरे की पार्टी मनसे द्वारा लाउडस्पीकर बांटने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह ठीक है। लाउडस्पीकरों को हटाने के बजाय इसका इस्तेमाल बढ़ती महंगाई के बारे में बोलने के लिए करना चाहिए। पेट्रोल, डीजल, सीएनजी के बारे में बोलना चाहिए और हाल के 2-3 साल को ध्यान में रखना चाहिए न कि पिछले 60 साल को।
मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम देने के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और वह किसी को भी राज्य में माहौल बिगाड़ने नहीं देगी। वाल्से पाटिल की टिप्पणियां तब आयी हैं जब एक दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने इस मुद्दे को उठाने के लिए ठाकरे की आलोचना की और कहा कि राज्य सरकार मनसे प्रमुख द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का तीन मई तक का अल्टीमेटम देने को गंभीरता से लेगी। मंत्री ने कहा कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। पुलिस हनुमान जयंती समेत आगामी उत्सवों के लिए तैयार है। हम किसी को भी इस राज्य में माहौल बिगाड़ने नहीं देंगे।
वाल्से पाटिल ने कहा कि मनसे और बीजेपी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग करते हुए अदालत के एक फैसले का जिक्र कर रही है। उन्होंने कहा कि अदालत के जिस फैसले का हवाला दिया जा रहा है वह कहता है कि किसी को भी रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अत: अदालत ने मंदिरों या मस्जिदों या अन्य स्थान से ऐसे लाउडस्पीकर हटाने का कोई फैसला नहीं दिया है जो अनुमति के साथ लगाए गए हैं।
गौर हो कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों से तीन मई तक लाउडस्पीकर हटाने के लिए महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है।
उधर दक्षिणपंथी संगठन हिंदू जनजागृति समिति (एचजेएस) ने 2016 में दिए गए बंबई हाईकोर्ट के उस आदेश का पालन करने की मांग की है, जिसमें उसने महाराष्ट्र में मस्जिदों समेत धार्मिक स्थानों पर लगाए गए अवैध लाउडस्पीकर को हटाने का निर्देश दिया था। उसने इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करने में नाकाम रही पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की है।
एक विज्ञप्ति में नवी मुंबई के याचिकाकर्ता संतोष पचालग के हवाले से कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने हमारे द्वारा दायर जनहित याचिका पर राज्य में सभी धार्मिक स्थानों से अवैध लाउडस्पीकर हटाने के 2016 में दिए हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। अत: 2018 में हमने उसके खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। कोरोना वायरस महामारी के कारण याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी है।