नई दिल्ली: बरेली में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान सम्मेलन के जरिए किसानों से सीधा संवाद स्थापित किया। किसान सम्मेलन के मंच से मुख्यमंत्री विपक्ष पर खूब बरसे। योगी ने कहा कि किसानों की बेहतरी से विपक्ष को परेशानी है। विपक्ष किसानों के हक का 90 फीसदी चट कर जाने वाले बिचौलियों, दलालों की लड़ाई लड़ रहा है। योगी ने कहा एमएसपी और मंडियों के खत्म होने की अफवाह फैला कर किसानों को गुमराह करने की साजिश रच रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और कश्मीर में धारा 370 हटने से विपक्ष को परेशानी है। योगी ने कहा कि आने वाले दिनों में हम 4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुके होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग देश के किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। एक झूठ को सौ बार बोलने वाली कम्युनिजम की थ्योरी कभी सफल नहीं होने वाली। हम सत्यमेव जयते को मानने वाले लोग हैं। सत्य के मार्ग पर चलेंगे और सच बोलेंगे। यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।
खेत से बाजार तक सरकार किसानों के साथ
योगी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि ये वो लोग हैं जिनको किसानों के जीवन में परिवर्तन अच्छा नहीं लगता है। खेत से खलिहान, बीज से बाजार तक की सभी सुविधाएं मोदी जी किसानों को उपलब्ध करा रहे हैं। संतुलित उर्वरकों के प्रयोग से लागत घटाने के लिए हर किसान को स्वायल हेल्थ कार्ड, 36 हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी, सोलर पंप वितरण, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद, 72 घण्टे में भुगतान, हर खेत को पानी, फसल बीमा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान आदि योजनाएं उसी का हिस्सा हैं। कल ही केंद्रीय कैबिनेट ने 3500 करोड़ रुपए की गन्ना एक्सपोर्ट सब्सिडी सीधे किसानों के खातों में भेजने का फैसला किया है। जिन लोगों ने हमेशा अन्नदाता के हक पर डकैती डाला है उनको किसानों को पूरी पारदर्शिता से मिलने वाले ये लाभ पसंद नहीं आ रहे। स्वर्गीय राजीव गांधी जी ऐसे ही नहीं कहते थे कि मैं 100 रुपए भेजता हूं तो 10 रुपए ही लोगों तक पहुंचता है। किसानों की बेहतरी से परेशान होने वाले ये वही दलाल और बिचौलिये हैं, जो 90 रुपए चट कर जाते हैं।
बाजार में होगी स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा, किसानों को मिलेगा उनकी उपज का वाजिब दाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को गुमराह किया गया कि एमएसपी समाप्त हो गई। जबकि हम न केवल इसकी गारंटी दे रहे बल्कि इसके दायरे और दाम को भी बढ़ाया है। दरअसल किसानों को सिर्फ गुमराह किया जा रहा है। बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो और किसानों को ज्यादा कीमत मिले इसलिए कृषि कानून लेकर आए हैं। किसान कहीं भी जाकर अपनी फसल बेच सकता है। मंडी के अलावा बाहर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगेगा। मैं यही बताने और विपक्ष की पोल खोलने आपके बीच आया हूं। 2017 में सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में हमने 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी का फैसला किया। हमने किसानों की फसलों को खरीदा। प्रदेश भर में क्रय केंद्र बनाए। उन्होंने कहा सरकार में आते ही हमने 36 लाख मी.टन गेहूं और 46 लाख मी.टन धान की खरीद की। जिसे आगे बढ़ाते हुए अगली बार 56 लाख मी. टन गेहूं और 52 लाख मी.टन धान खरीदा। अभी भी धान की खरीद हो रही है।
पिछली सरकारों में बंद हो रही थी चीनी मिलें
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में एक के बाद एक चीनी मिलें बंद हो रही थी। 6 वर्षों तक गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हुआ था। हमने रिकॉर्ड 1 लाख 12 हजार करोड़ रुपए गन्ना मूल्य भुगतान किया। चौधरी चरण सिंह जी किसानों के मसीहा थे। उनके क्षेत्र रमाला के लोगों की 30 वर्षों से मांग थी कि चीनी मिल का नवीनीकरण और विस्तारीकरण हो, ये काम किया गया। नई और आधुनिक चीनी मिलें भी लगाएंगे। हम गन्ने के रस से सीधे एथेनाल बना रहे हैं। बायो फ्यूल की यूनिटें लग रही है ताकि फसलों के साथ ही किसानों को पराली का भी अतिरिक्त दाम मिल सके।
किसानों के हित के लिए सरकार प्रतबद्ध
हमने मंडी समिति को ई-नाम से जोड़ा है। 800 से अधिक मंडियां ई-नाम से जुड़ी हुई हैं। मंडियों को तकनीक और बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ जोड़ रहे हैं। विपक्ष गुमराह कर रहा है कि मंडी बंद हो जाएगी। विपक्ष पहले किसान सम्मान निधि को चुनावी शिगूफा बताता था। 22000 करोड़ रुपए से अधिक निधि किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है। 4300 करोड़ की नई किश्त आने वाली है जो किसानों के खातों में सीधे जाएगी। योगी ने कहा कि हमने सूदखोरी पर लगाम लगाया है। सरकार और किसानों के बीच कोई बिचौलिया नहीं है। विपक्ष को इससे भी परेशानी है। सरकार गांव, किसान, मजदूर, महिलाओं और युवाओं के अधिकतम हित के लिए प्रतिबद्ध है।