- उत्तराखंड के जंगलों में आग से नष्ट हो चुकी है लाखों की वन संपदा
- सीएम धामी ने आज देहरादून में की वनाग्नि को लेकर समीक्षा बैठक
- बैठक के दौरान सीएम ने की शीतलाखेत मॉडल की तारीफ
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में वनाग्नि रोकथाम के लिए हो रहे प्रयासों की समीक्षा की। इस दौरान वन मंत्री सुबोध उनियाल सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सीएम धामी ने वनाग्नि के रोकथाम हेतु की जा रही तैयारियों की समीक्षा करते हुए वन विभाग के उच्चाधिकारियों को आग से प्रभावित जनपदों में शीघ्र नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिए। सीएम धामी ने कहा कि वनाग्नि रोकने हेतु शीतलाखेत, अल्मोड़ा के निवासियों द्वारा अपनाया गया मॉडल सराहनीय है।
क्या कहा सीएम धामी ने
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक के दौरान कहा, 'जंगल में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक दोनों योजनाएं बनाने के साथ-साथ अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर योजनाएं बनाई जाएंगी। वन सम्पदाओं के संरक्षण के साथ ही प्रदेश सरकार इसके माध्यम से लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने हेतु प्रतिबद्ध है।'
क्या है शीतलाखेत मॉडल
इस समय जब उत्तराखंड के जंगल आग की चपेट में हैं तो शीतलाखेत भी इससे अछूता नहीं रहा है। जंगलों को आग से बचाने के लिए शीतलाखेत के सल्ला, धामस, बटगल रौतेल के ग्रामीणों ने वनाग्नि को रोकने की कमान अपने हाथों में लेते हुए एक मिशाल पेश की है। शीतलाखेत के धामस में गांव की महिलाओं और अन्य लोगों की मदद से वनाग्नि को फैलने से रोकने के लिए खुद प्रयास किए गए। धामस गांव की महिलाओं युवाओं के सहयोग से फायर लाईन बनाकर आग को नये क्षेत्र में जाने से रोकने का सफल प्रयास किया जिस वजह से आग आगे नहीं फैल सकी।
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डीएम भी कर चुकी हैं सराहना
अल्मोड़ा की डीएम वंदना सिंह ने भी ग्रामीणों की पहल की सराहना की है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में जंगल की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में इस फायर सीजन में अब तक जंगलों में आग की 1844 घटनाओं में 2955 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंच चुका है। कुमाऊं और गढ़वाल दोनों मंडलों में आग पर काबू पाने के लिए लोग अब इंद्रदेवता से प्रार्थना कर रहे हैं तांकि बारिश हो तो आग पर काबू पाया जा सके।