- उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गाय को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया है
- मुख्यमंत्री का कहना है कि गाय ऑक्सीजन लेते के साथ-साथ यही छोड़ती भी है
- उनका यह भी कहना है कि गाय के पास रहने से टीबी रोग भी ठीक हो सकता है
देहरादून : गौ मूत्र के चिकित्सकीय गुणों को लेकर कई दावों के बीच अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गाय को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया है। उनका दावा है कि दुनियाभर में गाय ही एकमात्र मवेशी है, जो ऑक्सीजन लेती भी है और ऑक्सीजन ही छोड़ती भी है। उनका यह भी कहना है कि गाय के आसपास रहने से टीबी जैसी गंभीर बीमारी सहित सांस से जुड़ी कई समस्याएं भी ठीक हो सकती हैं।
एक वायरल वीडियो में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री लोगों को गाय की उपयोगिता बताते नजर आ रहे हैं। इसमें वह कहते सुने जा रहे हैं कि गायों को सहलाने से श्वसन संबंधी कई बीमारियां दूर हो सकती हैं। यहां तक कि टीबी जैसा गंभीर रोग भी ठीक हो सकता है। यह वीडियो एक समारोह का है, जिसमें मुख्यमंत्री गाय की 'रोगनाशक शक्तियों' का बखान करते देखे व सुने जा रहे हैं। वह कहते हैं, 'गाय एकमात्र पशु है, जो आक्सीजन लेती है और छोड़ती भी है। हमने गाय को इसलिए माता का दर्जा दिया है, क्योंकि वह हमें प्राणवायु देती है।'
बीजेपी के कद्दावर नेता यह भी कहते हैं कि गाय की मालिश करने और उसके आसपास रहने से सांस संबंधी कई बीमारियां ठीक हो सकती हैं और उसके लगातार संपर्क में रहने से टीबी जैसी गंभीर बीमारी ठीक हो जाती है। गौ मूत्र व गोबर के औषधीय गुणों की जानकारी देते हुए वह लोगों से यह भी कहते हैं कि पशुपालन मंत्री रहते हुए उन्होंने इस बारे में वैज्ञानिक अध्ययन भी कराया था। उन्होंने कहा, 'गाय के गोबर और गौ मूत्र में कितनी ताकत है, हमारे शरीर, त्वचा, हृदय और किडनी के लिए यह कितना फायदेमंद है, इसे आज वैज्ञानिक भी साबित कर रहे हैं।'
अपने दावे के पक्ष में सीएम ने इटली के वैज्ञानिकों के एक शोध का भी हवाला दिया और कहा, 'इटली के वैज्ञानिकों ने शोध किया है, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि गाय 80 प्रतिशत तक ऑक्सीजन छोड़ देती है।' उन्होंने यह भी कहा कि एक सामान्य इंसान का ऑरा 6-7 फुट का होता है, जबकि किसी देसी गाय का ऑरा लगभग 42 फीट होता है और इसमें हमारा पुरजोर यकीन है।
उत्तराखंड के सीएम का यह दावा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बागेश्वर में बहने वाली गरूड़गंगा नदी के पानी को अगर पत्थर से घिस कर गर्भवती महिला को पिला दिया जाए तो उसका प्रसव सामान्य हो सकता है और उसे सीजेरियन डिलिवरी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उनके इस बयान पर विवाद बढ़ा तो मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने नैनीताल से सांसद भट्ट के बयान का यह कहते हुए बचाव किया कि उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में एक आम मान्यता है।
अब खुद मुख्यमंत्री के बयान को लेकर विवाद पैदा हो गया है, जिसमें उन्होंने गाय के ऑक्सीजन लेने और छोड़ने की बात कही। गायों के ऑक्सीजन लेने और छोड़ने को लेकर उत्तराखंड के सीएम की राय जो भी, विशेषज्ञ इससे इत्तेफाक नहीं रखते। वे गाय के आक्सीजन छोड़ने की संभावना से इनकार करते हैं और कहते हैं कि किसी भी अन्य पशु की तरह गाय भी कार्बन डाई आक्साइड ही छोड़ती है। देहरादून जिले में गाय संरक्षण परियोजना के संयुक्त निदेशक ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, 'किसी भी अन्य जीवित प्राणी की तरह ही गाय भी कार्बन डाईआक्साइड ही छोड़ती है और यह एक सर्वमान्य तथ्य है।'