- उत्तराखंड ने इस साल कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला लिया है
- कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया गया है
- आईएमए ने कांवड़ यात्रा रद्द करने का अनुरोध सरकार से किया था
देहरादून : कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने इस साल कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है। संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विशेषज्ञों का एक समूह लगातार सरकार से इसकी अपील कर रहा था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसके लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह की धामी को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर इस साल कांवड़ यात्रा रद्द करने का अनुरोध किया था।
सावन माह में कांवड़ यात्रा करीब एक पखवाड़े की होती है। इस दौरान उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के करोड़ों कांवड़िये गंगा का पवित्र जल लेने के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं। लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इस बार कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है, जिसका अर्थ यह है कि इस बार कांवड़िये गंगा जल के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचेंगे।
'जीवन बचाना प्राथमिकता'
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कांवड़ यात्रा को लेकर पहले ही कह चुके हैं कि यह लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है, लेकिन लोगों की जान बचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उत्तराखंड में सीएम के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने बीते कुछ दिनों में प्रधानमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से दिल्ली में मुलाकात की है।
इस दौरान कांवड़ यात्रा को लेकर एक सवाल के जवाब में रविवार को उन्होंने कहा था, 'भगवान भी नहीं चाहेंगे कि लोग मरें। इस समय प्राथमिकता जीवन बचाना है।' उन्होंने हालांकि कावड़ यात्रा को लेकर अंतिम निर्णय उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित अन्य पड़ोसी राज्यों से परामर्श के बाद लेने की बात कही थी।
उत्तर प्रदेश ने दी यात्रा को मंजूरी
उत्तराखंड ने जहां कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस साल कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है, वहीं उत्तर प्रदेश ने कोविड प्रोटोकॉल के साथ कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति दी है। इसके लिए आवश्यकता के अनुसार आरटी-पीसीआर की निगेटिव जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता भी लागू किए जाने का निर्देश दिया गया है।
इस संबंध में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई, जिसके बाद जारी सरकारी बयान में कहा गया कि पारंपरिक कांवड़ यात्रा कोविड प्रोटोकॉल के साथ होगी। कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से निकलने वाली है, जो अगस्त के पहले सप्ताह तक चलेगी।