- उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश व भूस्खलन को लेकर चेतावनी जारी की गई है
- जगह-जगह बादल फटने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है
- चमोली जिले में भूस्खलन के कारण लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है
देहरादून : उत्तराखंड के कई इलाकों में इन दिनों भारी बारिश हो रही है। राज्य में कई जगह से भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। देहरादून, चमोली, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, पौड़ी जिलों में 31 जुलाई और 1 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इस बीच चमोली जिले में भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण यहां लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
...और मिट्टी के ढेर की तरह ढह गया पहाड़
भूस्खलन की यह घटना चमोली जिले के बाजपुर में गुरुवार को बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई। भारी बारिश के बाद यहां भूस्खलन की घटना हुई, जिसका वीडियो भी सामने आया है। इसमें नजर आ रहा है कि किस तरह पहाड़ का एक हिस्सा मिट्टी के किसी ढेर की तरह ढह जाता है। घटना के वक्त वहां कुछ लोग भी नजर आ रहे हैं। हालांकि वे घटनास्थल से दूर नजर आते हैं।
भूस्खलन की इस घटना के बाद बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा एकत्र हो गया है, जिसे हटाने का काम जारी है। यहां पिछले दिनों भूस्खलन की एक अन्य घटना में पांच गायों के मलबे में दब जाने की रिपोर्ट भी सामने आई थी।
पथौरागढ़ में फंसे विधायक
उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश के कारण नदी, नालों में पानी भर गया है। पिथौरागढ़ में ऐसी ही एक घटना में गुरुवार को कांग्रेस विधायक हरीश धामी भी फंस गए थे। वह भारी बारिश से प्रभावित गांवों लुम्टी और मोरीका दौरा करने गए थे, जब वापसी के वक्त एक छोटी नदी में पानी अचानक बढ़ने लगा और वह इसकी चपेट में आ गए। उनके साथ गए लोगों ने उन्हें बाहर निकाला। इस घटना में वह मामूली रूप से जख्मी हो गए।
यहां भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए सेना की एक टीम भी तैनात की गई है, ताकि स्थानीय प्रशासन से मिलकर लोगों को मदद मुहैया कराया जा सके। मंगलवार और बुधवार को जिले के कई इलाकों में अचानक बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं सामने आई थीं, जिसके कारण कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। सैन्य टीम ने तीन गांवों में फंसे लोगों को भी बाहर निकाला।