देहरादून : कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच उत्तराखंड ने कांवड़ यात्रा के साथ-साथ चार धाम यात्रा के लिए भी इस साल अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। सरकार ने अब चारों धाम के मंदिरों के गर्भ गृह से से पूजा की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं करने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए वेदों का हवाला दिया है और कहा कि वह जल्द ही इस संबंध में हलफनामा दायर करेंगे।
सीएम धामी ने कहा कि सभी पक्षों से सलाह-मशविरे के बाद यह निर्णय लिया गया है कि चार धाम यात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं होगी, क्योंकि वेदों में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है। सरकार की ओर से इस संबंध में हाई कोर्ट में एक हलफनामा दिया जाएगा।
कोर्ट ने लगाई थी रोक
इससे पहले चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड सरकार को हाईकोर्ट की सख्ती का सामना करना पड़ा था, जिसने 1 जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने के राज्य कैबिनेट के फैसले पर रोक लगा दी थी और सरकार से चार धाम यात्रा के मंदिरों- श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री मन्दिरों के गर्भगृह से पूजा की लाइव स्ट्रीमिंग करने के लिए कहा था, ताकि देशभर में लोग तकनीक के माध्यम से अपने ईष्ट के दर्शन कर सकें।
उत्तराखंड सरकार ने हालांकि ऐसा नहीं करने का फैसला लिया है और इस संबंध में एक हलफनामा कोर्ट में पेश करने की बात कही है।
यहां उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद चारधाम यात्रा को इस साल स्थगित करने का फैसला लिया और इसे लेकर संशोधित दिशानिर्देश जारी किए थे। 1 जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने के राज्य कैबिनेट के फैसले पर कोर्ट की रोक के बावजूद सरकार ने चार धाम यात्रा से संबंधित जिलों के लोगों के लिए यात्रा खोलने का निर्णय लिया था। हालांकि बाद में सरकार ने इस पर यू-टर्न ले लिया था।