- लॉकडाउन के कारण करीब 5 महीने बंद रही वैष्णो देवी की यात्रा
- 16 अगस्त से फिर से शुरू हुई वैष्णो देवी की यात्रा
- तीर्थयात्रियों के लिए कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट का होना जरूरी है
नई दिल्ली: माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार जांगिड़ ने जानकारी दी है कि वैष्णो देवी ऑनलाइन यात्रा रजिस्ट्रेशन और हेलीकॉप्टर की बुकिंग 26 अगस्त से 5 सितंबर 2020 तक उपलब्ध है। कोरोना वायरस महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण लगभग 5 महीने बंद रही यात्रा 16 अगस्त से फिर से शुरू हुई है। कई दिशा-निर्देशों के तहत यात्रा को शुरू करने का ऐलान किया गया।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने सोमवार को ये भी कहा कि जम्मू और कश्मीर के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को 'वैध कोविड-19 नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट' लानी होगी। इसके अलावा ये नेगेटिव रिपोर्ट कटरा में उनके आगमन पर 48 घंटे से अधिक पुरानी नहीं हो, अन्यथा उन्हें तीर्थ यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य मानदंडों का पालन किया जा रहा है। प्रति दिन केवल 2000 लोगों को ही मंदिर में जाने की अनुमति है। श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने कहा, 'यह पहले से ही तय था कि जम्मू-कश्मीर के बाहर के तीर्थयात्रियों को वैध कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट के बिना अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन हमने देखा कि कुछ यात्री दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे। इसलिए, उन्हें तीर्थयात्रा करने की अनुमति नहीं थी।'
वहीं स्थानीय तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा शुरू करने की अनुमति देने से पहले कटरा बेस कैंप में रेपिड एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं। 21 अगस्त को बिहार के दो तीर्थयात्री कटरा में कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
ये हैं गाइडलाइंस
30 सितंबर तक प्रतिदिन अधिकतम 5000 तीर्थयात्रियों को माता के दर्शन करने की इजाजत होगी। इन 5000 में से दूसरे राज्यों के 500 तीर्थयात्रियों को दर्शन करने की इजाजत होगी। 60 साल से ज्यादा की उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को यात्रा की इजाजत नहीं होगी। श्रद्धालुओं को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा। सभी यात्रियों को मास्क पहनना होगा।
माता के भवन में एक बार में 600 से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकेंगे। मंदिर परिसर में किसी प्रकार का चढ़ावा नहीं चढ़ा सकेंगे और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को छूना भी वर्जित होगा। यात्रा रात में बंद कर दी जाएगी और कुछ समय के लिए माता भवन में भक्तों के ठहरने पर रोक है। भक्तों को सुबह आयोजित होने वाली आरती में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तीर्थयात्रियों का पंजीकरण केवल ऑनलाइन किया जाना चाहिए, ताकि काउंटरों पर लोगों की भीड़ से बचा जा सके।