कल आधी रात में वैष्णो देवी परिसर में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 12 लोगों की जान चली गई और करीब 16 लोग घायल हो गए। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी हादसे के बाद से ही पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। मुआवजे का ऐलान हो चुका है। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल से पीएम मोदी ने बात की और घायलों के उपचार की बात कही है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह खुद घटनास्थल पर गए। पूरी घटना की जांच के आदेश दे दिए गए।
वैष्णो देवी परिसर में हादसा हुआ। हादसे के बाद प्रशासन राहत और बचाव काम में जुट गया, लेकिन कुछ सियासतदां मदद के लिए आगे आने की बजाय उस पर सियासत कर रहे हैं। हमेशा पाकिस्तान की वकालत करने वाली महबूबा मुफ्ती ने इस हादसे पर सियासत शुरू कर दी। हादसे के बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर पुलिस प्रशासन पर ही सवाल उठा दिए।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा, 'वैष्णो देवी में हुए दर्दनाक हादसे से मैं भी दुखी हूं। न तो प्रशासन और न ही पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है। इसके बजाय वे लोगों को चुप कराने की धमकी देने में लगे हैं। जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं।' महबूबा ने ट्वीट किया तो उनकी पार्टी के नेताओं ने भी वही बात की।
महबूबा मुफ्ती को अगर इतनी ही फिक्र थी तो राहत और बचाव के लिए आगे आतीं। लेकिन नहीं, महबूबा को तो सियासत करनी है। राहत बचाव की बजाय महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला की पार्टी परिसीमन ड्राफ्ट का विरोध करने में लगी हुई थीं। तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और कार्यकर्ता जम्मू कश्मीर की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और 370 की बहाली और परिसीमन ड्राफ्ट का विरोध कर रहे हैं।
वैष्णो देवी में हुए हादसे पर सिर्फ कश्मीर के सियासतदां ही नहीं, बाकी विपक्षी दलों ने भी इसी हादसे के बहाने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। मायावती ने तो सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया तो नवाब मलिक ने सवाल पूछा कि हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है? तो बीजेपी ने कहा कि इस पर सियासत करना सही नहीं है। ऐसे में सवाल है :
वैष्णो देवी में 'मौत' पर सियासत क्यों?
आतंकियों से हमदर्दी, हादसे पर बेदर्दी?
परिसीमन ड्रॉफ्ट का क्यों हो रहा है विरोध?
परिसीमन लागू होने से किसको परेशानी?
वैष्णो देवी हादसे के लिए कौन जिम्मेदार?