- जन्माष्टमी की धूम के बीच संतों को याद आया कृष्ण जन्मभूमि विवाद
- काफी समय से कोर्ट में लंबित है मामला
- संत बोले- भाईचारे के माध्यम से इसका हल नहीं हो सकता
मथुरा-वृंदावन में आज कृष्णभक्त कान्हा की भक्ति में डूबे नजर आ रहे हैं। कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। इसी बीच हिन्दू धर्मगुरुओं को मन में एक टीस भी दिखाई पड़ रही है।
टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए संतों ने कहा कि जल्द ही कुछ नया होने वाला है। टाइम्स नाउ नवभारत के पत्रकार ने जब वहां के लोगों से इस बार की जन्माष्टमी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इस बार जल्द फैसला आ जाएगा और कुछ नया होगा।
एक धर्मगुरु ने कहा- "इस बार की जन्माष्टमी इसलिए खास होने वाली है क्योंकि अबकि बार हमारे जो आराध्य देव भगवान श्री कृष्ण हैं...अभी तक आपने देखा राम मंदिर को फैसला हो चुका है। एक कोर्ट में पेंडिग चल रहा है ज्ञानवापी का। ये जो हमारा मेन मुद्दा है भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि का, इस बार कुछ नया होने वाला है। भगवान का जब जन्म होगा, जब हम उत्सव मनाएंगे तो कुछ खास मिलेगा। या तो कोर्ट के माध्यम से मिलेगा...मिलना तो कोर्ट के माध्यम से ही है, भाईचारे के माध्यम से मिलने संभव नहीं है"।
एक अन्य संत ने कहा कि जन्माष्टमी अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष ज्यादा खास है। उन्होंने कहा- क्यों खुशी है, एक तो अयोध्या में राम मंदिर है। दूसरा विश्वनाथ भगवान की कृपा से वहां भी हमारा आज नहीं तो कल कोर्ट के माध्यम से मिलेगा। दूसरी खुशी है, तीसरी खुशी मथुरा की। कहीं न कहीं कोर्ट में केस चल ही रहा है। हमसब लोग एक जुट हैं। हिन्दू कहीं अलग नहीं है। हमें मथुरा में भी अधिकार मिलेगा।
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वहीं एक स्थानीय ने बताया कि यहां जन्माष्टमी पर कई बड़े आयोजन होते हैं। संत अपने भक्तों के साथ कृष्ण की अराधना करते हैं और कथावाचक कृष्ण की छवि के बारे में बताते हैं। एक अन्य ने कहा कि इस साल का महोत्सव हर साल से ज्यादा दिव्य होगा।