- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से तैयार किया गया महाराष्ट्र होम क्वारंटाइन ट्रैकिंग सिस्टम
- रजिस्टर करने के बाद लोकेशन और सेल्फी के जरिए दर्ज करानी होगी उपस्थिति
- धोखा देने की कोशिश करने पर तुरंत अधिकारियों के पास जाएगा अलर्ट, होगी कार्रवाई
मुंबई: महाराष्ट्र देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है और यहां मुंबई सहित कई शहर और जिले ऐसे हैं जो वायरस के लिहाज से हॉट स्पॉट बने हुए हैं। ऐसे में किसी भी तरह की कोताही बरतना बेहद खतरनाक हो सकता है। प्रशासन लगातार लॉकडाउन सुनिश्चित करने में लगा हुआ है और लोगों से घरों में रहने की अपील बार बार की जा रही है। साथ ही क्वारंटाइन पर रखे गए लोगों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। कुछ लोगों को सरकार और प्रशासन की ओर से बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर्स में रखा जा रहा है जबकि संदेह के घेरे में आने वाले कई लोगों को होम क्वारंटाइन भी किया गया है।
इस बीच यह भी एक चिंता का विषय है कि होम क्वारंटाइन में मौजूद लोग घरों से बाहर निकलकर खतरा न बढ़ाएं। सरकार ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए कदम उठा रही है। एक ऐप की मदद से खास सिस्टम विकसित किया गया है जिसकी मदद से होम क्वारंटाइन में मौजूद लोग की दैनिक हाजिरी दर्ज की जा सकेगी। इस सिस्टम का नाम महाराष्ट्र होम क्वारंटाइन ट्रैकिंग सिस्टम है (Maharashtra Home quarantine tracking system) है।
कैसे करता है काम: महाराष्ट्र होम क्वारंटाइन ट्रैकिंग सिस्टम सेल्फी और जियो लोकेशन के आधार पर काम करता है। फोन के कैमरे की मदद से शख्स की पहचान होती है और फोन की लोकेशन की मदद से जगह की पुष्टि होती है कि शख्स घर पर है या नहीं।
जैसे ही फोन पर लोकेशन ऑन रखकर सेल्फी अपलोड होती है इसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक और प्रोसेसर के जरिए रियल टाइम में एनालाइज किया जाता है।
रजिस्टर करने का तरीका: रजिस्टर करते समय होम क्वारंटाइन पर भेजे जा रहे शख्स का नाम, मोबाइल नंबर और लोकेशन के साथ फोटो दर्ज करना होता है। यह जानकारी क्लाउड बेस्ट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सर्वर में स्टोर की जाती है। डिटेंल्स को अन्य डेटा रिकॉर्ड के साथ वैरिफाई किया जाता है।
दर्ज करानी होगी उपस्थिति: एक बार रजिस्टर हो जाने के बाद यूजर रियल टाइम में अपनी क्वारंटाइन अटेंडेंस मार्क कर सकते हैं। इस दौरान लोकेशन के साथ अपनी सेल्फी अपलोड करनी होती है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सर्वर की मदद से इसका विश्लेषण होता है और अगर फोटो या लोकेशन गलत पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों के पास तुरंत अलर्ट जाता है और इसके बाद व्यक्ति पर कार्रवाई की सकती है।