नई दिल्ली: दिवंगत शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी का लगातार दूसरी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में सूपड़ा साफ होता दिख रहा है। हालात ऐसे हैं कि 70 विधानसभा सीटों में से अधिकांश सीटों में कांग्रेस उम्मीदवार एक हजार वोट हासिल करने के लिए भी जूझते दिख रहे हैं। सीधी टक्कर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच होती दिख रही है। कांग्रेस उम्मीदवारों की स्थिति निर्दलीय उम्मीदवारों जैसी हो गई है। ऐसे में पूर्व राष्ट्रपति और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी श्रमिष्ठा ने दिल्ली में कांग्रेस की हार के बाद बागी बिगुल बजाते हुए पार्टी आलाकमान को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है।
श्रमिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा, दिल्ली में हमें फिर से शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा। बहुत आत्ममंथन हो चुका अब एक्शन लेने का समय आ गया है। आलाकमान द्वारा निर्ण लेने में देरी, राज्य स्तर पर रणनीति और एकता की कमी, हतोत्साहित कार्यकर्ता, जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ाव नहीं होना पार्टी की बदहाली की वजह है। मैं सिस्टम का हिस्सा हूं इसलिए मैं भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेती हूं।