- भारत सरकार ने कहा कि कुलभूषण जाधव को बचाने की कोशिश जारी रखेंगे
- पाकिस्तान ने जाधव को दूसरी बार काउंसलर एक्सेस देने से इनकार कर दिया है
- पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है
नई दिल्ली: पाकिस्तान सरकार द्वारा पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को दूसरा काउंसलर एक्सेस देने से इनकार करने पर भारत सरकार ने कहा कि वह लागातार कोशिश जारी रखेगा कि कूलभूषण जाधव को बचाया जा सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा,'हम कोशिश करते रहेंगे कि अतंरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) का फैसला पूरी तरह से लागू हो। हम राजनयिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तानी पक्ष के संपर्क में बने रहना चाहेंगे।'
इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने कुलभूषण जाधव को दूसरी बार काउंसलर एक्सेस देने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा था कि कूलभूषण जाधव को दूसरा काउंसलर एक्सेस नहीं दिया जाएगा।
बता दें कि 21 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने पाकिस्तान द्वारा पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को दी गई फांसी की सजा पर रोक लगाई थी और पाकिस्तान से जाधव को काउंसरल एक्सेस देने को कहा था। पाकिस्तान ने आईसीजे में कहा था कि वह जाघव को काउंसरल एक्सेस देने को तैयार है।
इसके बाद आईसीजे के आदेश के 11 दिन बाद पाकिस्तान की तरफ से जाधव को 2 सितंबर को काउंसलर एक्सेस की मदद दी गई थी। पाकिस्तान में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया ने कुलभूषण जाधव से करीब ढाई घंटे तक मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव इस समय पाकिस्तान की कैद में हैं और पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई हैं। पाकिस्तान के फैसले के खिलाफ भारत ने आईसीजे में अपील की थी। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने जाधव को ईरान से गलत आरोप में पकड़ा है बल्कि वह वहां पर व्यवपारिक उद्देश्य से गया था। वहीं, पाकिस्तान का कहना है कि जाधव जासूसी करने के लिए यहां आया था। आईसीजे में भारत को बड़ी कामयाबी मिली थी। अदालत ने साफ तौर पर कहा था कि कुलभूषण जाधव को सामान्य न्यायिक सुविधा मिलनी चाहिए और पाकिस्तान इससे इंकार नहीं कर सकता है।