- पश्चिम बंगाल की रामपुरहाट में हुई आगजनी की घटना के बाद सियासत गरम है
- ममता सरकार पर हमलावर है बीजेपी, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुकी है
- कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद आगजनी की घटना की जांच सीबीआई कर रही है
Rampurhat violence News : बंगाल के बीरभूम जिले की रामपुरहाट की आगजनी की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 22 मार्च को हुई इस हिंसा में उग्र भीड़ की ओर से घरों में लगाई गई आग में आठ लोग जिंदा जलकर मर गए। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इस घटना के बाद बंगाल की ममता सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित विपक्ष के निशाने पर हैं। भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने एवं ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रही है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ इस घटना को लेकर ममता सरकार की तीखी आलोचना कर चुके हैं।
गृह मंत्री से मिले राज्यपाल धनखड़
इन सबके बीच धनखड़ सोमवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मिले। समझा जाता है कि राज्यपाल ने गृह मंत्री को बीरभूम जिले में हुई इस घटना एवं ताजा हालात की जानकारी दी। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस घटना की जांच कर रही है। हिंसा मामले में अब तक करीब दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
रामपुरहाट हिंसा पर बंगाल विधानसभा में भारी हंगामा, BJP के चीफ व्हिप मनोज तिग्गा के साथ मारपीट
बंगाल विधानसभा में भारी हंगामा
रामपुरहाट की आगजनी की घटना पर सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। भाजपा का आरोप है कि टीएमसी के विधायकों ने उसके चीफ ह्विप मनोज तिग्गा के साथ मारपीट की। इस झड़प के साथ सदन में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सहित भाजपा के पांच विधायकों को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी ने कहा है कि राज्य के हालात ठीक नहीं है, अब केंद्र सरकार को दखल देना चाहिए।
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रामपुरहाट हिंसा पर ममता-धनखड़ में जुबानी जंग
बीरभूम जिले की हिंसा को लेकर धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जुबानी जंग देखने को मिली है। पहले भी राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच विवाद हो चुका है। बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा पर भी राज्यपाल धनखड़ ने ममता सरकार पर तीखा हमला बोला था। ममता सरकार पर निशाना साधते हुए गत शुक्रवार को विधानसभा में उन्होंने कहा, 'यह राज्यपाल का विशेषाधिकार है, उन्हें हर मामले के बारे में सूचित किया जाना चाहिए, लेकिन 2.5 साल तक मुझे किसी भी चीज के बारे में जानकारी नहीं दी गई। हालांकि, मैं नियुक्तियों पर सीएम के सुझाव का पालन करता हूं, लेकिन 25 कुलपतियों की नियुक्तियां मेरी मंजूरी के बिना की गईं।"