कोलकाता/भुवनेश्वर : भारत दो सप्ताह के भीतर दूसरे बड़े चक्रवाती तूफान 'यास' का सामना करने जा रहा है। इससे पहले अरब सागर में 'बेहद गंभीर' श्रेणी के चक्रवाती तूफान 'तौकते' के कारण गुजरात, महाराष्ट्र, दीव के तटीय इलाकों में भारी तबाही हुई, जिसमें 100 से अधिक लोगों ने जान गंवाई, जबकि लाखों लोगों को विस्थापन झेलना पड़ा। अभी स्थिति संभली भी नहीं कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर जो गहरे दबाव का क्षेत्र बन गया है, जो चक्रवाती तूफान 'यास' में तब्दील हो गया है। इसके 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है।
मौसम विभाग के अनुसार, यह एक बहुत ही भीषण चक्रवाती तूफान होगा, जिसमें 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है। यास को देखते हुए कोलकाता बंदरगाह पर जहाजों की आवाजाही 25 मई से निलंबित कर दी गई है। कोलकाता डॉक सिस्टम (केडीएस) और हल्दिया डॉक परिसर (एचडीसी) में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। यास से पश्चिम बंगाल के 20 जिलों के प्रभावित होने के आसार हैं, जिसे देखते हुए 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बंगाल के ये जिले हो सकते हैं सर्वाधिक प्रभावित
पश्चिम बंगाल में हावड़ा, हुगली, बांकुरा, बीरभूम, नदिया, पश्चिम और पूर्व बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, मुर्शिदाबाद, झारग्राम, पुरुलिया जिलों के चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने की आशंका है। मालदा, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में भी इसकी वजह से बारिश की आशंका है। राज्य में इस आपदा के 72 घंटों तक रहने का अनुमान है, जिसे देखते हुए तटीय क्षेत्रों में सभी प्रकार के पर्यटन के साथ-साथ समुद्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। विशेषज्ञों द्वारा अनुमानित तबाही को ध्यान में रखते हुए 51 आपदा प्रबंधन टीम तैयार की गई है।
ओडिशा में भी 'यास' का खतरा
'यास' का खतरा ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में भी है, जहां 26 मई की दोपहर बालासोर के निकट इसके दस्तक देने का अनुमान है। चक्रवाती तूफान को देखते हुए ओडिशा के निचले इलाकों और बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा तथा जगतसिंहपुर जिलों से करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। राज्य के तीन जिलों- बालासोर, भद्रक और मयूरभंज में 25 मई से 27 मई के बीच कोविड-19 जांच, टीकाकरण और घर-घर जाकर कोविड सर्वेक्षण जैसी गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां भी 31 मई तक के लिए रद्द कर दी गई हैं।