- जब एक बार जनगणना पोर्टल एक्टिव हो जाएगा, तो कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल नंबर के जरिए पोर्टल पर लॉग इन कर सकेगा। उसके बाद पोर्टल पर मांगी गई जानकारी फीड करनी होगी।
- जनगणना पोर्टल पर लॉगइन होने के बाद व्यक्ति को एक फॉर्म भरना होगा। जिसमें उससे और परिवार संबंधित जानकारी मांगी जाएंगी। जब सारी जानकारियां फीड हो जाएगी तो एक आइडेंटिफिकेशन नंबर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा।
- आधार नंबर, पैन नंबर,वोटर आईडी नंबर आदि दस्तावेज लिए जाएंगे। जिसके आधार पर सरकार देश की कुल जनसंख्या, लिंगानुपात, शिक्षा का स्तर, जाति, उम्र, लोगों के घरों की स्थिति (कच्चा या पक्का), व्यवसाय आदि का ब्योरा प्राप्त करेगी। पूरी जनगणना 16 भाषाओं में की जाएगी।
देश में डिजिटल जनगणना की तैयारी है। इस बात की जानकारी मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में एक लिखित जवाब में दी है। देश में पहली बार जनसंख्या की गणना डिजिटल माध्यम से की जाएगी। इसके तहत लोगों को खुद ही अपनी जानकारी पोर्टल पर देने की भी सुविधा मिलेगी। साथ ही ऐप के जरिए भी जनसंख्या के आंकड़े अपलोड किए जाएंगे। तो आइए जानते हैं कि डिजिटल जनगणना कैसे होगी और यह मौजूदा प्रक्रिया से किस तरह से अलग होगी। साथ ही आपको किन बातों का ध्यान रखना होगा..
क्या है डिजिटल जनगणना
अभी तक जो जनगणना होती आई है, उसमें सरकारी कर्मचारी प्रत्येक घरों में जाकर लोगों से एक फॉर्म भरवाते हैं। जिसमें परिवार के प्रत्येक सदस्य की जानकारी डाली जाती है। लेकिन इस बार जनगणना कर्मचारी आपके घर, स्मार्टफोन और टैबलेट लेकर पहुंचेंगे और सभी जानकारी उसमें डिजिटल रूप से फीड की जाएगी। इस प्रक्रिया को ही डिजिटल जनगणना कहा जाता है। इसके तहत आप अपनी जानकारी जहां संबंधित कर्मचारी के जरिए फीड करा सकेंगे। वहीं आपको पहली बार ऐसी सुविधा भी मिलेगी, जिसमें आप स्वयं पोर्टल या ऐप के जरिए फीड कर सकेंगे। यानी बिना किसी कर्मचारी के सीधे जरूरी जानकारियां आप फीड कर सकेंगे।
खुद कैसे कर सकेंगे फीड
-जब एक बाद जनगणना पोर्टल एक्टिव हो जाएगा, तो कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल नंबर के जरिए पोर्टल पर लॉग इन कर सकेगा। उसके बाद पोर्टल पर मांगी गई जानकारी फीड करनी होगी।
-जनगणना पोर्टल पर लॉगइन होने के बाद व्यक्ति को एक फॉर्म भरना होगा। जिसमें उससे और परिवार संबंधित जानकारी मांगी जाएंगी। जब सारी जानकारियां फीड हो जाएगी तो एक आइडेंटिफिकेशन नंबर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा।
-उस नंबर को अपने घर का रजिस्ट्रेशन करने के लिए फीड करना होगा। जिसके जरिए आपके और परिवार के डाटा पोर्टल से जुड़ेंगे।
कौन से जानकारी देनी होगी
इसके तहत आधार नंबर, पैन नंबर,वोटर आईडी नंबर आदि दस्तावेज लिए जाएंगे। जिसके आधार पर सरकार देश की कुल जनसंख्या, लिंगानुपात, शिक्षा का स्तर, जाति, उम्र, लोगों के घरों की स्थिति (कच्चा या पक्का), व्यवसाय आदि का ब्योरा प्राप्त करेगी। पूरी जनगणना 16 भाषाओं में की जाएगी। और इस बार लोगों से एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) के लिए भी जानकारी प्राप्त की जाएगी।
अभी कैसे होता है डाटा स्टोरेज
गृह मंत्रालय के तहत जनगणना की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसके लिए लोगों से कुछ सवाल किए जाते हैं, जिन्हें पर्ची पर लिखा जाता है, जिसमें नाम, लिंग, धर्म, जाति, रोजगार जैसे सवाल पूछे जाते हैं। इन पर्चियों को टीम के सदस्य फिर डेटा प्रोसेसिंग सेंटर ले जाकर कम्प्यूटराइज्ड टेक्स्ट में बदलते हैं। अब यह शुरूआत से ही डिजिटल होगी। ऐसा करने से जनगणना की प्रक्रिया तेजी से हो सकेगी और उसमें गलतियों की आशंका भी घट जाएगी।
जनगणना का क्या फायदा
आजादी के बाद भारत में जनगणना कानून 1948 और 1990 के नियमों के तहत जनगणना की जाती है। और उसके आंकड़ों के आधार पर राज्य और केंद्र सरकार अपनी नीतियां बनाते हैं। हर 10 साल पर जनगणना की जाती है। वैसे तो 2021 की जनगणना मार्च के महीने में होनी थी लेकिन कोविड-19 की वजह से इस प्रक्रिया में देरी हो गई है। इसके पहले एक फरवरी 2021 को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल जनगणना के लिए 3750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। जिसमें कुल 31 लाख कर्मचारी भाग लेंगे। देश में साल 1860 से जनगणना की जा रही है।