- 1954 में वक्फ कानून बना था
- इसी कानून के तहत 1964 में वक्फ बोर्ड का गठन किया गया था
- 1995 में इस कानून में संशोधन हुआ, जिसके बाद से वक्फ बोर्ड को कई असीमित अधिकार मिल गए
Waqf Board Property: वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर आए दिन विवाद और चर्चाएं होती रहती हैं। कभी अवैध कब्जे को लेकर तो कभी इस बोर्ड पर भी आरोप लगता है कि उसने निजी संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया है। इन विवादों के बीच आइए जानते हैं कि वक्फ बोर्ड क्या है, भारतीय कानून इसके बारे में क्या कहता है और इसका सर्वोसर्वा कौन होता है?
यहां से आया अस्तित्व
इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को कहते हैं, जो अल्लाह के नाम पर दान कर दी जाती है। एक बार संपत्ति वक्फ हो गई तो फिर उसे मालिक वापस नहीं ले सकता है। भारत में वक्फ बोर्ड 1964 में अस्तित्व में आया, जब सेंट्रल वक्फ काउंसिल की स्थापना की गई। कानून तो 1954 में ही बन गया था। इसी कानून के तहत इसका गठन हुआ और तब से इसने हर उस संपत्ति को अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया, जो इस्लााम धर्म के लिए दान में दी गई थी।
क्या कहता है कानून
वक्फ अधिनियम, 1954 अपनी तरह का पहला अधिनियम था। अधिनियम के तहत केंद्रीय वक्फ परिषद की शुरुआत हुए। इस अधिनियम में कई संशोधन (1959, 1964, 1969, 1984) हुए। क्योंकि इसमें कई अड़चनें थीं। अंत में जो संशोधन हुआ वो 1995 में हुआ था। इसी कानून के तहत वक्फ बोर्ड काम करता है। केंद्र सरकार के अंदर केंद्रीय वक्फ परिषद होता है, जबकि राज्य के अंदर में राज्य सरकार का वक्फ बोर्ड होता है। दोनों ही जगहों पर अल्पसंख्यक मंत्रालय के अंदर ये आता है। इसी मंत्रालय के तहत वक्फ बोर्ड काम करता है। केंद्रीय वक्फ परिषद में एक अध्यक्ष और 20 सदस्य होते हैं।
क्या है काम
वक्फ का काम होता है उसके अंदर आने वाली संपत्तियों का रख रखाव करना। इसके अंदर में कब्रिस्तान, अवैध मस्जिदें, मजार या वो जमीनें आतीं हैं जो उसे दान कर दी गई हो। इन संपत्तियों का प्रयोग धार्मिक कार्यों के लिए ही किया जा है।
क्या है विवाद
दरअसल कहा जा रहा है 1995 में जो संशोधन हुआ, उससे वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार मिल गया। अब आरोप है कि इसी के तहत वक्फ बोर्ड के अधिकारी वसूली में लगे हैं। तमिलनाडु में एक घटना सामने आ चुकी है, जिसमें पूरे गांव की जमीन पर वक्फ ने दावा ठोक रखा है। अगर वक्फ ने किसी संपत्ति पर दावा कर दिया है कि ये उसके अंदर आने वाली जमीन है, तो जमीन मालिक को यह सिद्ध करना पड़ता है कि वो उसका असली मालिक है वक्फ नहीं। वो भी वक्फ की ट्रिब्यूनल कोर्ट में जाना पड़ेगा, जिसकी संख्या हर राज्य में एक-दो होती है। मतलब लड़ाई लड़ते रहिए।
कितनी संपत्ति है वक्फ बोर्ड के पास
देशभर में इस समय कुल एक सेंट्रल और 32 स्टेट वक्फ बोर्ड हैं। इन्हीं के अंदर में सारी संपत्तियां हैं। अभी वक्फ के पास 5 लाख संपत्तियां हैं। ये संपत्तियां 6 लाख एकड़ में फैली है। इन संपत्तियों से हर साल 150 करोड़ का राजस्व हासिल होता है। सरकार का मानना है कि अगर इसका सही से इस्तेमाल हो तो यह राजस्व 1000 करोड़ तक हो सकता है।