- आर्म्स ऐक्ट 25 में चंद्रशेखर के विरुद्ध दर्ज हुआ था मामला।
- हवाई यात्रा के बैग में मिले थे 10 जिंदा कारतूस।
- हालांकि दलील स्वीकार कर हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था।
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने मधेपुरा के विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर के रूप में ऐसे दबंग व्यक्ति को शिक्षा मंत्री बनाया, जो प्वाइंट 315 की दस जिंदा कारतूस बैग में छिपा कर लाने के आरोप में पकड़े गए थे। ऐसे शिक्षा मंत्री क्या सुधार करेंगे और छात्रों को क्या संदेश देंगे? सुशील मोदी ने कहा कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा थाना में चंद्रशेखर के विरुद्ध 25 आर्म्स एक्ट और भारतीय दंड विधान 482 के तहत 21 फरवरी 2019 को बैग में छिपाकर जिंदा कारतूस ले जाने के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था।
मोदी ने कहा कि हालांकि माननीय विधायक के भूलवश बैग में कारतूस रख लेने की दलील स्वीकार कर हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था, लेकिन सवाल है कि क्या कोई भूलवश हवाई यात्रा के बैग में 10 जिंदा कारतूस रख सकता है? उन्होंने कहा कि जब लाइसेंसी रायफल साथ नहीं थी, तब चंद्रशेखर ने इतनी कारतूस क्यों छिपा कर रख ली थी? मोदी ने कहा कि पूछताछ में चंद्रशेखर न हथियार का लाइसेंस दिखा पाए, न कारतूस ले जाने की अनुमति का कोई अधिकृत पत्र उनके पास था। मोदी ने कहा कि किताब की जगह कारतूसों का शौक रखने वाले को शिक्षा मंत्री बनाकर नीतीश कुमार युवाओं को सरकारी नौकरी पाने लायक नहीं, बल्कि अपहरण उद्योग चलाने में माहिर बनाना चाहते हैं।