- सीटी वैल्यू और बीमारी की गंभीरता से सीधा संबंध स्थापित नहीं हो पाया है
- आरटी-पीसीआर टेस्ट व्यक्ति संक्रमित है या नहीं केवल इसे बताता है
- देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग आरटी-पीसीआर किट का इस्तेमाल होता है
नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण का पता करने में RT-PCR टेस्ट को ज्यादा प्रामाणिक माना जाता है। आरटी-पीसीआर टेस्ट में सबसे ज्यादा महत्व लोग सीटी वैल्यू को देते हैं। सीटी वैल्यू का मतलब होता है 'सायकल थ्रैशहोल्ड'। यानि किसी व्यक्ति में संक्रमण का पता कितने सायकल के बाद चला इसका पता सीटी वैल्यू से चलता है। सीटी वैल्यू अगर ज्यादा है तो इसका मतलब है कि संक्रमित व्यक्ति में संक्रमण की मात्रा (वायरस का लोड) कम है।
RT-PCR रिपोर्ट में सीटी वैल्यू कम होने को संक्रमण के ज्यादा होने से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, ICMR ने कुछ दिनों पहले सीटी वैल्यू को लेकर अपनी राय दी। आईसीएमआर का कहना है कि सीटी वैल्यू का बीमारी की गंभीरता से कोई लेना-देना नहीं है।
क्या होता है CT Value
सीटी वैल्यू को 'सायकल थ्रैशहोल्ड' कहा जाता है। यानि कि व्यक्ति में संक्रमण का पता लगाने (डिटेक्ट करने) के लिए कितनी बार साइकिल की जरूरत पड़ी। व्यक्ति में वायरस डिटेक्ट करने के लिए अगर बहुत ज्यादा सायकल की जरूरत पड़ी तो इसका मतलब है कि व्यक्ति के शरीर में वायरस की मात्र कम थी और अगर संक्रमण का पता कम ही सायकल में चल गया तो इसका अर्थ निकाला जाता है कि व्यक्ति में वायरस की संख्या ज्यादा थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अमोल अन्नदाते का कहना है कि सीटी वैल्यू व्यक्ति में संक्रमण की मात्रा को नहीं बताता। वह केवल यह बताता है कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं।
सीटी वैल्यू की बीमारी की गंभीरता से संबंध नहीं
कई लोग यह कहते हैं कि सीटी वैल्यू के कम होने पर व्यक्ति पर ज्यादा खतरा है और वह कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। लेकिन ऐसा बहुत बार देखा गया है कि कम सीटी वैल्यू वाले लोग आसानी से इस बीमारी से ऊबर गए जबकि ज्यादा सीटी वैल्यू लोग गंभीर रूप से कोरोना से संक्रमित हुए। सीटी वैल्यू बहुत कुछ व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करती है। सीटी वैल्यू अगर ज्यादा है तो आप गंभीर रूप से बीमार नहीं होंगे, इसका कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है।
देश में अलग-अलग RT-PCR किट का इस्तेमाल
देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग आरटी-पीसीआर किट इस्तेमाल किए जा रहे हैं। हर जगह की किट भी अलग-अलग है। एक किट की सीटी वैल्यू दूसरे किट पर अलग हो सकती है। संक्रमित व्यक्ति का सीटी वैल्यू कई बातों पर निर्भर करता है। मसलन, सैंपल किस प्रकार से लिया गया है। उसकी जांच किसने की है। व्यक्ति से कितना सैंपल लिया गया और उसकी जांच कितने घंटे बाद की गई, यह उस पर भी निर्भर करता है। सीटी वैल्यू तापमान पर भी निर्भर करती है। इसलिए सीटी वैल्यू को लेकर बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। आरटी-पीसीआर टेस्ट में रिपोर्ट यदि पॉजिटिव आती है तो व्यक्ति को इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए।
दुनिया भर में सीटी वैल्यू का कट ऑफ 35-40 के बीच
आईसीएमआर का कहना है कि दुनिया भर में सीटी वैल्यू का कट ऑफ 35-40 के बीच रखा गया है। आईसीएमआर ने पांच अप्रैल के अपने बयान में कहा, 'सभी मरीज जिनकी सीटी वैल्यू 35 या उससे कम है उसे पॉजिटिव माना जाएगा जबकि 35 से ज्यादा सीटी वैल्यू वाले लोग निगेटिव होंगे। यही नहीं 35 या इससे कम सीटी वैल्यू वाले मरीजों की दोबारा जांच करनी जरूरी है। सीटी वैल्यू का कट ऑफ 24 नहीं रखा जा सकता क्योंकि ऐसा करने पर कई मरीजों में संक्रमण का पता नहीं चल पाएगा और इससे संक्रमण बढ़ेगा।'