- महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट बरकरार
- एकनाथ शिंदे अलग गुट का दावा कर सकता है पेश
- अयोग्यता मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा शिंदे गुट
महाराष्ट्र में शिवसेना पर दो तरह का खतरा है। पहले तो उसे अपनी महाविकास अघाड़ी की सरकार बचानी है तो दूसरी ओर पार्टी को भी बचाना है। बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे गुट अलग गुट बनाकर मान्यता लेने की कोशिश में है। इन सबके बीच महाराष्ट्र की सड़कों पर शिवसैनिकों ने बागी विधायकों के दफ्तरों को निशाना बना रहे हैं। लेकिन इससे इतर आरपीआई के रामदास अठावले का कहना है कि हम लोग सरकार बनाने के बारे में नहीं सोचे हैं। हम ये देखेंगे कि आगे आगे क्या होता है। शरद पवार, अजित पवार, उद्धव ठाकरे और संजय राउत कह रहे हैं उनके पास बहुमत है। लेकिन जब 37 से अधिक विधायक आपको छोड़ चुके हैं तो बहुमत कहां है।
'वेट और वॉच की मुद्रा में'
रामदास अठावले ने कहा कि उन्होंने देवेंद्र फडणवीस से बात की। उन्होंने कहा कि शिवसेना में अंदरूनी कलह से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे अपने बीच के विवाद को खुद सुलझा लेंगे, इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हम इंतजार कर रहे हैं और देख रहे हैं।
बागी विधायक के दफ्तर को शिवसैनिकों ने बनाया निशाना
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शनिवार को पार्टी के बागी विधायक तानाजी सावंत के एक कार्यालय में तोड़फोड़ की, जो इस समय एकनाथ शिंदे गुट के हिस्से के रूप में गुवाहाटी में हैं।कार्यकर्ताओं का एक समूह आज सुबह कटराज इलाके में स्थित भैरवनाथ शुगर वर्क्स के कार्यालय में घुस गया और सावंत के कार्यालय को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसमें शामिल रहे पार्टी के पार्षद विशाल धनवाड़े ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ तो बस एक शुरुआत है। हर गद्दार (बागी विधायक) के कार्यालय को आने वाले दिनों में तोड़ दिया जाएगा।” सावंत उस्मानाबाद जिले के परांदा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।शिवसेना के ज्यादातर विधायक शिंदे के समर्थन में आ गए हैं और गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिससे उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी सरकार संकट में आ गयी है।