- वकील ने महिला जस्टिस रेखा पल्ली को बोला था सर
- जस्टिस के ऐतराज के बाद वकील का जवाब- वो चेयर को संबोधित कर रहा था
- जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा अगर ऐसा होगा तो आगे का भविष्य कैसा होगा
जस्टिस रेखा पल्ली बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मामले की सुनवाई कर रही थीं और उन्हें सर के संबोधन से वकील अपनी बता रख रहे थे। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस रेखा पल्ली ने पते पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि वह सर नहीं हैं। जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा, "मैं सर नहीं हूं। मुझे उम्मीद है कि आप इसे समझ सकते हैं।। उनके इस बयान के बाद वकील ने कहा कि वो तो चेयर को ध्यान में रख कर सर संबोधन का इस्तेमाल कर रही है। वकील के जवाब पर जस्टिस रेखा पल्ली ने दिलचस्प जवाब दिया।
यह कुर्सी सिर्फ 'सर' के लिए नहीं
जस्टिस ने कहा कि कुर्सी की वजह से उन्हें 'सर' के रूप में संबोधित करने का बहाना बदतर है क्योंकि कुर्सी केवल 'सर' के लिए नहीं है। यिद आप ऐसा समझती हैं तो यह और भी बुरा है अगर इतने समय के बाद भी आप सोचते हैं कि अध्यक्ष महोदय के लिए है। यदि युवा सदस्य भेद करना बंद नहीं करते हैं, तो हमें भविष्य के लिए क्या आशा करें।
देश की अदालतों में महिला जजों की कमी
भारत की न्यायपालिका प्रणाली में लिंग अनुपात भारतीय अदालतों में कम महिला न्यायाधीशों के साथ विषम बना हुआ है। 2021 में, महिला वकीलों के एक संगठन ने एक जनहित याचिका दायर कर अदालतों में अधिक महिलाओं की नियुक्ति की मांग की। जनहित याचिका में कहा गया है कि मणिपुर, मेघालय, पटना, त्रिपुरा और उत्तराखंड के उच्च न्यायालयों में एक भी महिला न्यायाधीश नहीं हैं। गुवाहाटी, हिमाचल, जम्मू और कश्मीर के उच्च न्यायालय; लद्दाख, झारखंड, उड़ीसा, राजस्थान और सिक्किम में केवल 1 महिला न्यायाधीश हैं।
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