- अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कब होगा, यह सवाल लाखों लोगों के मन में है
- भूमि पूजन के बाद अब लोग बेसब्री से मंदिर निर्माण पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं
- श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने अगले तीन साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया है
अयोध्या : राम नगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद अब लोगों के जेहन में सवाल उठ रहे हैं कि मंदिर निर्माण का कार्य कब तक पूरा हो सकेगा? कब वर्षों से टाट और टेंट में रहे रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे और कब तक लोगों को अपने अराध्य की पूजा-अर्चना उसी तरह करने की अनुमित होगी, जैसा कि वे अन्य मंदिरों में जाकर करते हैं? मंदिर निर्माण को लेकर उठ रहे तमाम सवालों के बीच यह जान लें कि इसकी जिम्मेदार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट को दी गई है, जिसने अगले तीन साल में मंदिर निर्माण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
जानें कब तक बनेगा राम मंदिर
ट्रस्ट को उम्मीद है कि वर्ष 2024 से पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और लोग सामान्य तरीके से अपने अराध्य के दर्शन-पूजन कर सकेंगे। ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण का कार्य निर्माण क्षेत्र की अग्रणी कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (L&T) को सौंपा है। मंदिर निर्माण कंपनी को 32 महीने का वक्त दिया गया है, जबकि अगले चार महीनों का वक्त इसके लिए रखा गया है कि अगर कुछ काम बाकी रह जाए तो उसे निर्धारित समय के भीतर पूरा किया जा सके। इसे तीन से साढ़े तीन साल में हर हाल में पूरा कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कुछ ऐसी है मंदिर निर्माण की योजना
मंदिर निर्माण के शुरुआती डेढ़ वर्षों में जहां भूमि तल पर निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा, वहीं इसके बाद के वर्षों में ऊपर के दो मंजिलों पर निर्माण कार्य पूर्ण किया जाएगा और इस तरह अगले तीन-साढ़े तीन वर्षों में शिखर तक मंदिर निर्माण पूरा कर लिया जाना तय किया गया है। हालांकि इसके लिए फिलहाल मंदिर का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण से पास कराने की जरूरत है, जिसके बाद ही मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा। अयोध्या में राम मंदिर की नींव कितनी गहरी हो, इसके लिए एलएंडटी ने यहां की मिट्टी का परीक्षण भी किया है।
इन शिलाओं, ईंटों का होगा इस्तेमाल
मंदिर निर्माण में उन शिलाओं व ईंटों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें पहले ही तराशकर अयोध्या के कारसेवक पुरम में रखा गया है। यहां बड़ी संख्या में ऐसी ईंटें भी रखी हुई हैं, जिन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु लेकर पहुंचे हैं। मंदिर के आर्किटेक्ट का काम निखिल सोमपुरा को सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए जहां बड़ी-बड़ी मशीनें पहुंच चुकी हैं, वहीं इस पर काम शुरू करने के लिए कम से कम 100 मजदूरों की आवश्यकता होगी। जिस तरह से तैयारियां चल रही हैं, उसे देखते हुए प्रतीत होता है कि मंदिर निर्माण का कार्य वर्ष 2024 में रामनवमी तक पूरा हो जाएगा, जिसके बाद वर्षों टेंट व टाट में रहे रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे और श्रद्धालुओं को उनके दर्शन का अवसर मिलेगा।