- भारत ने 1962 के बाद से अपनी ताकत में भारी इजाफा किया है और वो चीन को मुंहतोड़ जबाव दे रहा है
- पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़पों के बाद बढ़ गया था
- भारत ने चीनी कार्रवाई को विफल करने के लिए पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई सामरिक चोटियों पर अपना नियंत्रण किया हुआ है
India China Border Tension update: भारत चीन के बीच सीमा विवाद कोई नई बात नहीं है, चीन से हमारा टकराव साल 1962 के युद्ध के रूप में सामने आया था। वहीं चीन अपनी विस्तारवादी नीति के चलते ना सिर्फ भारत से सीमा विवाद में उलझा है बल्कि कई और पड़ोसी देशों के साथ उसका गतिरोध बना हुआ है। कहा जाता है ड्रैगन शुरू से ही पड़ोसी देशों में विस्तार करने में लगा हुआ है। भारत के साथ उसका विवाद जगजाहिर है जिसमें पिछले कुछ महीने से ज्यादा ही तेजी आ गई है जिसकी परिणिति गलवान घाटी हिंसा के रूप में हुई थी।
चीन ने लद्दाख में एक बार फिर हिमाकत की, पूर्वी लद्दाख इलाके में चीनी सेना ने फायरिंग की, ये गोलीबारी भारतीय चौकी की तरफ की गई ,फायरिंग के बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, लद्दाख में एलएसी पर भारतीय सेना ने कई अहम चोटियों पर अपनी तैनाती बढ़ा दी है।
भारतीय सेना ने PLA द्वारा उसपर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पार करने के लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि चीनी सैनिकों ने सोमवार को हवा में गोलियां चलाईं और पूर्वी लद्दाख में भारतीय ठिकाने के करीब आने की कोशिश की। एलएसी पर बंदूकों का इस्तेमाल सीमा विवाद के गंभीर तरीके से बढ़ने का संकेत देता है क्योंकि इससे पहले दोनों देशों की सीमा पर गोलियां चलने की घटना 1975 में हुई थी।
LAC पर तनाव गलवान घाटी में 15 जून को हुई थी हिंसक झड़प
वहीं भारत ने 1962 के बाद से अपनी ताकत में भारी इजाफा किया है और वो चीन को मुंहतोड़ जबाव दे रहा है जिससे चीन बौखलाहट से भर गया और सीमा पर अराजकता फैलाने में लगा हुआ है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़पों के बाद बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी सैनिक हताहत हुए थे लेकिन उसने इसके ब्योरे अब तक नहीं दिए हैं।
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक इन झड़पों में हताहत हुए थे। सीमा पर स्थिति दोबारा बिगड़ गई थी जब चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय सीमा पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया था।
भारत ने अपने तरीके से दिया ड्रैगन को करारा जबाव
भारत ने चीनी कार्रवाई को विफल करने के लिए पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई सामरिक चोटियों पर अपना नियंत्रण किया हुआ है और क्षेत्र में फिंगर 2 और फिंगर 3 इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है।चीन ने भारत के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। हालांकि, भारत का कहना है कि ये चोटियां एलएसी में उसकी तरफ पड़ती हैं।भारत ने एलएसी पार करने की चीन की कोशिशों के बाद संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों एवं हथियारों की तैनाती की है। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके समकक्ष जनरल वेई फेंगही ने सीमा पर तनाव कम करने के तरीकों पर मॉस्को में चर्चा की थी। उन्होंने पिछले शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन बैठक से इतर मुलाकात की थी।
चीन पर दो बार यथास्थिति बदलने की कोशिश करने के आरोप
इसके पहले भारत चीन पर दो बार यथास्थिति बदलने की कोशिश करने के आरोप लगा चुका है, आरोप है कि पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग त्सो इलाके में 29 और 31 अगस्त को चीन पैन्गॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर आक्रामक सैन्य गतिविधियां की थीं, जिसे भारत ने विफल कर दिया था।सोमवार की घटना के बाद एक बार फिर भारत और चीन की सेना के सैनिक आमने-सामने आए हैं, पैंगोंग के पास रेजांग ला में करीब 40-50 सैनिक दोनों ओर से आमने-सामने आए। एलएसी पर सोमवार रात हुई फायरिंग की जानकारी आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को दी है साथ ही रक्षामंत्री को लद्दाख के हालात के बारे में बताया गया है।
चीन अपने सरकारी प्रोपेगैंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स के जरिये धमका रहा
चीन ने अब सरकारी प्रोपेगैंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स के जरिये धमकी दी है, चीन ने धमकी देते हुए कहा है कि भारत को एक बार फिर PLA की ताकत दिखानी होगी, ग्लोबल टाइम्स ने इसे लेकर एक संपादकीय लेख छापा है इस संपादकीय लेख का शीर्षक है- 'भारतीय सेना का दुस्साहस भरा दांव पड़ेगा उल्टा', इतना ही नहीं चीन ने भारत के मीडिया की रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाए,अखबार ने लिखा कि भारत का मीडिया वही दिखता है जो उसकी जनता को अच्छा लगता है और चीन की सेना हर तरह से भारत की सेना से बेहतर है।
ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय सेना पर चीनी सैनिकों की तरफ वॉर्निंग शॉट फायर का बेबुनियाद आरोप लगाते हुए कहा है कि क्या भारत समझौते को रद्द कर रहा है? इसके बाद अखबार ने धमकी भरे लहजे में लिखा है कि अगर ऐसा है तो फिर चीन और भारत को सीमा पर खून-खराबे के एक नए युग के लिए तैयार रहना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में मंगलवार को कहा कि हम भारत के साथ जंग नहीं चाहते हैं लेकिन अगर भारत ने चीन की अच्छी मंशा का गलत मतलब निकाला और चेतावनी में गोलियां चलाईं तो हम युद्ध से पीछे नहीं हटेंगे।