नई दिल्ली : दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में व्हाइट फंगस के कारण कोविड-19 के मरीज की पूरी आंत में अनेक छेद होने का अपनी तरह का पहला मामला सामने आया है। चिकित्सकों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी ऐंड पेनक्रिएटिकोबिलेरी साइंसेस के चेयरमैन डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया, 'कोविड-19 से पीड़ित लोगों की आंत में व्हाइट फंगस के कारण एक या दो छेद के मामले देखे गए हैं लेकिन इस मामले में तो भोजन की नली से लेकर नीचे बड़ी आंत तक अनेक छेद हुए मिले हैं।'
उन्होंने कहा, 'जहां तक हमें जानकारी है, कोरोना वायरस संक्रमण में व्हाइट फंगस (कैंडिडा) के कारण भोजन की नली, छोटी आंत, बड़ी आंत में कई छेद होने जैसा मामला कभी सामने नहीं आया।' चिकित्सक ने कहा कि इस मामले पर बोस्टन के मेसाच्युसेट्स जनरल अस्पताल के विशेषज्ञों से भी तीन दिन पहले बात हुई थी। उन्होंने बताया कि 49 वर्षीय महिला को पेट में तेज दर्द, उल्टी तथा कब्ज की शिकायत के चलते 13 मई को सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। स्तन कैंसर के कारण पिछले वर्ष दिसंबर में उनका स्तन निकाला गया था और चार हफ्ते पहले तक उनकी कीमोथैरेपी हुई थी।
आंत में छेद
अस्पताल की ओर से जारी एक वक्तव्य में बताया गया, 'मरीज के पेट का सीटी स्कैन करने पर पता चला कि पेट में पानी और हवा है जो आंत में छेद की वजह से होता है।' अगले दिन मरीज की सर्जरी की गई। इसमें पता चला कि मरीज की भोजन की नली के निचले हिस्से में भी छेद हैं। छोटी आंत के एक हिस्से में गैंगरीन होने के चलते उस हिस्से को निकाला गया। कोलोन की परत भी बहुत पतली हो गई थी तथा इसमें एक स्थान से रिसाव भी था।
चिकित्सक ने बताया, 'छेदों को बंद किया गया और गैंगरीन वाले हिस्से को निकाला गया। यह एक मुश्किल सर्जरी थी जो चार घंटे तक चली। आंत का एक हिस्सा बायोप्सी के लिए भेजा गया।' डॉ. अरोड़ा ने बताया कि बायोप्सी से पता चला कि आंतों में छेद की वजह व्हाइट फंगस है। उन्होंने बताया कि महिला में कोविड-19 की एंटीबॉडी का स्तर काफी अधिक पाया गया। महिला में फंगस की शिकायत पाए जाने के बाद उन्हें एंटी फंगल दवाएं दी गईं और अब उनकी हालत बेहतर है।
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि कोविड-19 के बाद फंगल संक्रमण (ब्लैक फंगस) के मामले तो सामने आए हैं लेकिन व्हाइट फंगस के कारण आंत में गैंगरीन तथा भोजन की नली में छेद जैसा मामला इससे पहले कभी सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि महिला के कैंसर ग्रस्त होने, हाल में उनकी कीमाथैरेपी होने तथा इसके बाद कोरोना वायरस संक्रमण होने की वजह से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो चुकी थी।