- नवा रायपुर सेवाग्राम 77 एकड़ जमीन में बनाया जाएगा
- गांधी जी के विचारों को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सेवाग्राम बनाने का फैसला
- राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में लाभार्थियों को दिए गए चेक
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश ही नहीं दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत हैं। मौजूदा भारत सरकार स्वच्छता अभियान से लेकर तमाम महत्वाकांक्षी योजनाओं के केंद्र में गांधी की बाते हैं। हालांकि सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत को लेकर भारतीय राजनीति में जो होड़ मची और कांग्रेस पर उनकी उपेक्षा के आरोप लगे उसके बाद पार्टी लगातार अपने नेताओं को याद करती नज़र आ रही है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने राजधानी रायपुर में सेवाग्राम बनाने का फैसला किया है। इसकी नींव आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रखी। वर्धा में बने सेवाग्राम की तर्ज पर ही इसका निर्माण होगा जिसका मकसद गांधी के सिद्धांतों को आम लोगों तक ले जाना है।
क्यों बन रहा रायपुर में सेवाग्राम?
रायपुर में सेवाग्राम क्यों बन रहा है यह जानने से पहले हम आपको बताते हैं कि दरअसल सेवाग्राम है क्या 1936 में महात्मा गांधी और उनकी पत्नी ने अपना निवास स्थान महाराष्ट्र के वर्धा को बनाया था। भारत की आजादी की लड़ाई का केंद्र उस वक्त वर्धा बन गया था। महात्मा गांधी उस वक्त कहते थे कि भारत की सच्ची आजादी गांव के पुनर्निर्माण के रास्ते से ही होकर जाएगी। उसी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों और शिक्षाओं को 21वीं सदी में भी प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सेवाग्राम के निर्माण का फैसला लिया है। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि, 'हम गांधी को सिर्फ नाम के लिए नहीं मानते हैं बल्कि उसे अपने व्यवहार में भी लेकर आते हैं। गांधी के सिद्धांतों के जरिये हम सरकार से मिलने वाले फायदे को हर व्यक्ति को पहुंचाना चाहते हैं।'
कैसा होगा रायपुर का सेवाग्राम?
सेवाग्राम बनाने के लिए निर्माण सामग्री के तौर पर मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही सेवाग्राम में गांधी के सिद्धांतों, ग्रामीण और शिल्प कला को प्रोत्साहन देने वाले केंद्र भी विकसित किया जाएगा। इस सेवाग्राम में वृद्धाश्रम तथा वंचित वर्ग के छात्रों के लिए स्कूल भी शुरू किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके लिए 77 एकड़ जमीन आवंटित की है, जिसके अंदर एक बायोडायवर्सिटी पार्क होगा। सेवाग्राम का एक 'आर्थिक मॉडल' भी होगा यानी कि इसको चलाने के लिए यहां छत्तीसगढ़ के स्थानीय शिल्प कला को बढ़ावा देने के साथ ही साथ पर्यटन को जोड़ा जाएगा।
गांधीवादी विचार पर सम्मेलन
सेवाग्राम की नींव रखने के अवसर पर गांधीवादी विचारों का एक सम्मेलन भी आयोजित किया गया था, उस दौरान एक लाभार्थी को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना (जिसे 'भूमिहीनों के लिए 'आरजी न्याय' के रूप में जाना जाता है) पहला चेक भी दिया गया। इस योजना की पहली किश्त में तीन लाख 55 हज़ार भूमिहीन कामगारों को सहायता राशि दी जाएगी। छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना का मकसद राज्य 12 लाख परिवारों को आर्थिक न्याय देना है।