- चेन्नई के एक इंजीनियर ने ढूंढ निकाला विक्रम लैंडर का मलबा
- नासा ने शानमुगा सुब्रमण्यन के योगदान को सराहा और उनके खोज की पुष्टि की
- एप डेवलपर हैं 33 साल के सुब्रमण्यन, आईटी कंपनी में करते हैं काम
चेन्नई : भारत का चंद्रयान-2 गत सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर नहीं पाया था जिसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के इस मिशन को असफल मान लिया गया। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी लेकिन लैंडिंग के अपने अंतिम क्षणों में उसका धरती से संपर्क टूट गया। इसके बाद इसरो ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मदद से लैंडर विक्रम के संभावित लैंडिंग वाली जगह की तलाश करनी शुरू की।
इस दौरान नासा ने दक्षिणी ध्रुव के उन हिस्सों की तस्वीरें जारी कीं जहां लैंडर विक्रम के 'क्रैश लैंडिंग' की आशंका जाहिर की गई। हालांकि, इन तस्वीरों में विक्रम कहीं नजर नहीं आया लेकिन चेन्नई के इंजिनीयर शानमुगा सुब्रमण्यन ने नासा की तस्वीरों में विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकाला। सुब्रमण्यन के इस दावे की पुष्टि अब नासा ने भी कर दी है। हैरान करने वाली बात यह है कि जो काम नासा और इसरो नहीं कर सके उस काम को चेन्नई के एक इंजीनियर ने कर दिया। इस सफलता के बाद सुब्रमण्यन सुर्खियों में आ गए हैं और उनके योगदान की सराहना सभी लोग कर रहे हैं।
कौन हैं शानमुगा सुब्रमण्यन
33 साल के सुब्रमण्यन एक एप डेवलपर हैं। इन्होंने मदुरई से मेकनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। सुब्रमण्यन चेन्नई स्थित एक आईटी कंपनी के लिए काम करते हैं। इनकी रॉकेट साइंस और अंतरिक्ष विज्ञान में हमेशा से गहरी दिलचस्पी रही है। सुब्रमण्यन ने बताया है कि उन्होंने कैसे और कब नासा की तस्वीरों में लैंडर विक्रम के मलबे की तलाश शुरू की। उन्होंने कहा, 'मलबे को ढूंढना एक चुनौती के समान था क्योंकि नासा इसे ढूंढने में असफल रहा। फिर भी मैंने सोचा कि क्यों नहीं मैं अपने तरीके से लैंडर को ढूंढने की कोशिश करूं।'
हर रात सात से आठ घंटे तस्वीरों को खंगाला
नासा ने दक्षिणी ध्रुव की जो तस्वीरें जारी की थीं, सुब्रमण्यन प्रत्येक रात सात से आठ घंटे उन तस्वीरों में लैंडर विक्रम के मलबे की खोज करते थे। अक्टूबर की शुरुआत में उन्हें लगा कि उन्होंने लैंडर के मलबे की सही जगह ढूंढ ली है। सुब्रमण्यन ने नासा की ताजा तस्वीरों की तुलना अंतरिक्ष एजेंसी की पिछले नौ साल के दौरान ली गईं तस्वीरों से कीं। सुब्रमण्यन ने कहा कि तस्वीरें भेजने के बाद वह नासा की पुष्टि की प्रतीक्षा कर रहे थे।
नासा ने की तारीफ
विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढने में मदद के लिए नासा ने सुब्रमण्यन की तारीफ की है। नासा ने लैंडर विक्रम का मलबा मिलने के बाद कई ट्वीट किए हैं। अपने एक ट्वीट में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि आपने जिस मेहनत से काम किया इसके लिए आपको बधाई।
चंद्रमा की सतह को खंगालने की जरूरत
सुब्रमण्यन का मानना है कि चंद्रमा पर संभावनाएं तलाशने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है। उनका कहना है कि हमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि चंद्रमा के किन हिस्सों पर पानी मौजूद है।'
सुब्रमण्यन की इस योगदान का तारीफ सोशल मीडिया पर खूब हो रही है लेकिन वह इस सफलता का श्रेय नासा के लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर कमैरा (एलआरओ) टीम को दे रहे हैं। सुब्रमण्यन ने कहा कि एलआरओ डाटा के बिना यह काम संभव नहीं हो पाता।