कर्नाटक के चित्रदुर्ग में स्थित मुरुग मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुग शरनारू (Shivamurthy Murugha Sharanaru) ने अपने खिलाफ POCSO कानून के तहत मामला दर्ज होने के बाद सोमवार को इस मामले पर चुप्पी तोड़ी।उन्होंने दावा किया कि यह उनके खिलाफ लंबे समय से जारी साजिश का हिस्सा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में पाक-साफ साबित होंगे।
महंत ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब उन्हें इस तरह के हालात का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि पिछले 15 साल से मठ के अंदर इस तरह के षड्यंत्र चल रहे हैं।
महंत ने कहा, 'कई वर्षों से जो षड्यंत्र चल रहे थे, वे अब बाहर आ चुके हैं। इन सभी मुद्दों का तार्किक समाधान होगा। मुझे तार्किक अंत खोजने के लिए आपके सहयोग की आवश्यकता है।'
शिवमूर्ति मुरुग के खिलाफ POCSO कानून के तहत मामला दर्ज
उल्लेखनीय है कि मैसुरु पुलिस ने शनिवार को उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर शरनारू के खिलाफ पॉक्सो कानून तथा भारतीय दंड संहिता (IPC) की कुछ धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत के आधार पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ यह प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बताया जाता है कि दो पीड़ित छात्राओं ने मैसुरु के गैर-सरकारी संगठन (NGO) 'ओडनाडी सेवा समस्थे' से संपर्क कर अपनी आपबीती सुनाई थी। इसके बाद एनजीओ ने पुलिस से संपर्क किया, जिसने मामले में प्राथमिकी दर्ज की।
कौन हैं 'लिंगायत मठ' के महंत शिवमूर्ति मुरुग (Who is Shivamurthy Murugha Sharanaru)-
- कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं इस राज्य के बारे में कहा जाता है कि जिस भी राजनीतिक दल के साथ लिंगायत समुदाय (Lingayat community) होता है सरकार उसी की बनती है, पिछले चुनाव में बीजेपी ने इस समुदाय को लुभाने में कामयाबी हासिल की थी।
- यानी कहा जा सकता है कि राज्य में लिंगायत समुदाय बेहद प्रभावी है और 'शिवमूर्ति मुरुगा' इसी समुदाय के मठ यानी मुरुग मठ के महंत हैं।
- शिवमूर्ति प्रभावशाली लिंगायत मठ के चित्रदुर्ग खास पुजारी हैं मठ में उनका विशेष सम्मान है।
- कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई और उनके पूर्ववर्ती बी.एस.येदियुरप्पा भी इसी संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं इस संप्रदाय का विशेष तौर पर उत्तरी कर्नाटक में प्रभुत्व माना जाता है।
- हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी कर्नाटक गए थे और उन्होंने लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा ग्रहण कर ली थी, वो चित्रदुर्गा में एक प्रसिद्ध लिंगायत मठ मुरुगा मठ में पहुंचे राहुल गांधी ने मठ के प्रमुख डॉक्टर शिवमूर्ति मुरूगा शरणरू स्वामी जी से मुलाकात की थी, राहुल गांधी के इस कदम को लिंगायत संप्रदाय को लुभाने की कोशिश माना जा रहा है।
- प्रभावशाली लिंगायत संप्रदाय की स्थापना 12वीं सदी के समाज सुधारक और कवि बसावेश्वरा ने की थी, जिनके बड़ी संख्या में अनुयायी कर्नाटक और महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना के इलाकों में हैं।
- कहा जाता है कि लिंगायत संप्रदाय संत बसवन्ना के सिद्धांतों पर चलने वाला एक संप्रदाय है इसमें हर धर्म के लोगों को लिंगायत संप्रदाय अपनाने की आजादी होती है।