- पश्चिम बंगाल के दो दिन दौरे पर गृहमंत्री अमित शाह
- 19 दिसंबर को जनसभा को करेंगे संबोधित 20 दिसंबर को रोड शो में लेंगे हिस्सा
- गृह मंत्री अमित शाह के दौरे को सियासी तौर पर अहम बताया जा रहा है।
नई दिल्ली। बंगाल में अगले साल विधानसभा का चुनाव है। लेकिन वहां की फिजा अभी से चुनावी हो चली है। बंगाल में लेफ्ट के किले जिस तरह से टीएमएसी ने मां, माटी और मानूष का नारा देकर ढहा दिया वो ममता बनर्जी अपनी राजनीतिक पारी की मुश्किल दौर से गुजर रही हैं। एक तरफ तो उन्हें लगातार बीजेपी के राजनीतिक हमलों को सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ उनके विशवस्त भी उन्हें अलविदा कह चुके हैं।
अमित शाह के दौरे से पहले टीएमसी में भगदड़
मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी, एमएलए जीतेंद्र तिवारी, एमएलए शीलभद्र दत्ता पार्टी को बाय बाय बोल चुके हैं। इन सबके बीच शनिवार से दो दिन के लिए शुरू हो रहे गृहमंत्री अमित शाह के दौरे को सियासी तौर पर अहम माना जा रहा है। सबसे पहले हम यहां पर गृहमंत्री अमित शाह के दो दिवसीय दौरे से आपको रूबरू कराएंगे।
अमित शाह के बंगाल दौरे का कार्यक्रम 19 दिसंबर
10.45 से 11. 15 AM स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि
11.45 से 12.15 तक कोलकाता एयरपोर्ट से मेदिनीपुर की यात्रा
12,30 से 13.00 तक सिद्धेश्वरी मंदिर में पूजा और खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि
13.15 से 13.25 तक देवी महामाया मंदिर में पूजा
13.30 से 14.15 तक बेलिजुरी गांव में एक किसान के घर लंच
14.30 से 15.30 तक पब्लिक रैली
20 दिसंबर का कार्यक्रम
10.20 से 11.00 तक कोलकाता एयरपोर्ट से विश्व भारती हेलीपैड तक की यात्रा
11.00 से 12.40 तक विश्व भारती विश्वविद्यालय में कार्यक्रम
14.00 से 16 बजे तक हनुमान मंदिर स्टेडियम रोड से बोलपुर चौरास्ता तक।
सियासी यात्रा, मंजिल राटर्स बिल्डिंग
याद करें तो जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर डायमंड हार्बर के करीब हमला हुआ तो सियासत गरमा गई। ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ ने केवल बीजेपी ने और आक्रामक अंदाज में सियासी हमला किया, बल्कि गवर्नर जगदीप धनखड़ ने भी ममता सरकार को संविधान की याद दिलाते हुए कहा कि वो चुप बैठने वाले नहीं हैं। इसके साथ ही गवर्नर ने यहां तक कह दिया कि ममता जी क्या बंगाल को इस देश का हिस्सा नहीं मानती हैं।
टीएमसी पर बीजेपी हमलावर
बीजेपी के नेताओं ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर तक डाली। लेकिन जिस तरह से टीएमसी के बागी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया उसके बाद टीएमसी ने उन बागी नेताओं को महत्वाकांक्षी तक करार दिया। लेकिन बीजेपी ने चारा भी डाला कि टीएमसी पार्टी में अब कार्यकर्ता घुटन महसूस कर रहे हैं।