- पीके (प्रशांत किशोर) की कांग्रेस नेताओं के साथ मुलाकात हुई।
- पीके ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ भी बैठक की।
- केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस प्रमुख को 2024 की चुनावी रणनीति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी है।
नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर एक बैठक में शामिल हुए। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल समेत कांग्रेस के टॉप नेता भी इस मीटिंग में उपस्थित थे। इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) के संस्थापक के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच यह बैठक हुई।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कांग्रेस नेता अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को गांधी के आवास पर पहुंचते दिखाया गया था। विशेष रूप से प्रशांत किशोर ने पहले कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के साथ चर्चा की थी। हालांकि उस बातचीत से कुछ नहीं निकला था। यह बैठक करीब चार घंटे तक चली, जिसमें प्रशांत किशोर ने कथित तौर पर राजनीतिक नेताओं को एक प्रस्तुति दी।
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस प्रमुख को 2024 की चुनावी रणनीति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी है। उनके द्वारा प्रस्तुत योजना को कांग्रेस प्रमुख द्वारा स्थापित एक समूह द्वारा देखा जाएगा और समूह अंतिम निर्णय के लिए पार्टी प्रमुख को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। हालांकि उन्होंने पार्टी ज्वाइन करने को लेकर कुछ नहीं कहा। एक सीनियर कांग्रेस नेता ने कहा कि पीके (प्रशांत किशोर) को कांग्रेस में शामिल होने के बजाय एक सलाहकार की भूमिका निभाते हुए देखा जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में पार्टी की हालिया चुनावी हार समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। दावा किया जा रहा है कि किशोर को पार्टी में शामिल करने की दिशा में भी यह एक कदम है। सूत्रों ने पहले संकेत दिया था कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार की सत्ता में वापसी में मदद करने वाले चुनावी रणनीतिकार को इस साल मई तक आधिकारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल कर लिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक यह बैठक इस साल गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की चुनावी तैयारियों की पृष्ठभूमि में भी हुई है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति और राजस्थान में पार्टी के 'चिंतन शिविर' के आयोजन पर भी चर्चा की। जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और पार्टी में बदलाव का सुझाव देने के लिए कांग्रेस की रणनीति पर काम करने के लिए इस महीने के अंत में मंथन सत्र आयोजित किया जाना है।