- दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल के बाहर महिला ने बच्चे को दिया जन्म
- महिला को मेटरनिटी वार्ड के अंदर जाने की नहीं मिली थी परमिशन
- मामले में दिल्ली महिला आयोग ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को जारी किया नोटिस
Delhi: डॉक्टरों द्वारा कथित तौर पर मेटरनिटी वार्ड में एंट्री से इनकार करने के बाद एक महिला ने मंगलवार सुबह दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट के बाहर फर्श पर एक बच्चे को जन्म दिया। महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि मेटरनिटी वार्ड के अंदर नहीं जाने के बाद उसे अस्पताल के इमरजेंसी विंग के बाहर रात बितानी पड़ी।
सफदरजंग अस्पताल के बाहर महिला ने बच्चे को दिया जन्म
घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में महिला के परिवार के एक सदस्य ने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि वह प्रसव पीड़ा में नहीं है और उसे इमरजेंसी डिपार्टमेंट के मेटरनिटी वार्ड के अंदर नहीं जाने दिया। हालांकि हमने उन्हें बताया कि वह दर्द में है, लेकिन उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी।
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सफदरजंग अस्पताल के अधिकारियों ने आरोपों का किया खंडन
वहीं दूसरी ओर सफदरजंग अस्पताल के अधिकारियों ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि महिला को एंट्री करने से मना नहीं किया गया था। सफदरजंग अस्पताल की ओर से मंगलवार को जारी एक मीडिया बयान में कहा गया है कि 18 जुलाई को शाम 5.45 बजे ड्यूटी पर तैनात सीनियर रेजिडेंट द्वारा महिला की जांच की गई। जांच में वह 33 हफ्ते और 6 दिन की गर्भवती पाई गई और उसे जल्दी प्रसव पीड़ा हुई। अस्पताल की मीडिया प्रवक्ता पूनम ढांडा ने बयान में कहा कि मरीज को भर्ती करने की पेशकश की गई थी, लेकिन वह एडमिशन पेपर के साथ नहीं लौटी।
हालांकि आज सुबह ड्यूटी पर मौजूद एक सीनियर रेजिडेंट को सूचना मिली कि एक महिला डिपार्टमेंट के बाहर डिलीवरी करा रही है। बयान में आगे कहा गया है कि इसके बाद जीआरपी की एक टीम को तुरंत भेजा गया और मरीज की डिलीवरी पर ध्यान दिया गया। इस बीच मां को स्त्री रोग वार्ड में भर्ती कराया गया है, जबकि जन्म के दौरान कम वजन का बच्चा फिलहाल नर्सरी में है।
दिल्ली महिला आयोग ने जारी किया नोटिस
इस बीच अस्पताल ने स्त्री रोग विभाग के प्रमुख से घटना पर रिपोर्ट देने को कहा है। अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद क्या हुआ, इस पर हमें और स्पष्टता मिलेगी। वहीं दिल्ली महिला आयोग ने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस वीडियो का स्वत: संज्ञान लेते हुए अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को नोटिस जारी किया है।