- बाघों की संख्या के मामले में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर
- कर्नाटक दूसरे और उत्तराखंड तीसरे नंबर पर
- 29 जुलाई को दुनिया भर में वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जाता है
World Tiger Day: भारत के राष्ट्रीय पशु को अब बचाने की मुहीम चल रही है। सुनकर बड़ा आश्चर्य होता है कि उसके ही राष्ट्रीय पशुओं की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। वैसे कुछ सालों से टाइगर की संख्या बढ़ाने और उनके संरक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है, लेकिन हर राज्य उतनी बारीकी औक गंभीरता से इसे नहीं ले रहे हैं। वैसे मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 526, कर्नाटक में 524, उत्तराखंड में 442, महाराष्ट्र में 312 और तमिलनाडु में 264 बाघों की संख्या दर्ज की गई है। गौर ह कि भारत में हर चार साल में एक बार बाघों की गणना की जाती है। हर बार की गणना में कोई न कोई राज्य एक-दूसरे को पछाड़कर बाघों की संख्या पर अपना वर्चस्व कायम करते हैं।
बाघों से जुड़े रोचक तथ्य
- तीन साल में ही बाघ वयस्क हो जाते हैं. वो शारीरिक संबंध बना सकते हैं।
- बाघिन का गर्भकाल 105-115 दिनों तक का होता है।
- बाघ के बच्चे सातवें हफ्ते से ही शिकार पर लग जाते हैं।
- मछली की तरह पानी में तैरना भी बाघ को आता है। वो एक अच्छा तैराक होता है।
- आमतौर पर टाइगर दिन से अधिक रात्रि में शिकार करते हैं. वो रात्रिचर होते हैं।
- बाघ 65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है।
क्या कहती है स्टेटस रिपोर्ट ?
आपको पता है कि भारत में बाघों के संरक्षण पर अब विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विश्व टाइगर दिवस के एक दिन पहले बाघों की गणना की गई। आपको जानकर हैरानी होगी कि बाघों की संख्या के मामले में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर, कर्नाटक दूसरे और उत्तराखंड तीसरे नंबर पर है।