यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) एक 6-लेन 165 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेटर नोएडा को उत्तर प्रदेश में आगरा से जोड़ता है। एक्सप्रेसवे का निर्माण 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है। योगी आदित्यनाथ शासित उत्तर प्रदेश में एक और परियोजना का नाम जल्द ही भारत के पूर्व प्रधान मंत्री के नाम पर रखा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर है कि यूपी सरकार अब यमुना एक्सप्रेसवे का नाम बदलने की योजना बना रही है। चर्चा है कि अब यमुना एक्सप्रेसवे का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के नाम पर रखा जा सकता है।
कई अन्य मीडिया रिपोर्टों ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि 25 नवंबर को जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के शिलान्यास समारोह के दौरान यमुना एक्सप्रेसवे का नाम बदलने की संभावना है। बताया गया है कि उद्घाटन समारोह के दौरान यमुना एक्सप्रेस-वे का नाम बदलने के संबंध में औपचारिक घोषणा की जाएगी।
यमुना एक्सप्रेस-वे यूपी का पहला एक्सप्रेसवे था
यमुना एक्सप्रेस-वे, जिसे ताज एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है, यूपी का पहला एक्सप्रेसवे था, जिसे बसपा सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल के दौरान शुरू किया गया था। हालांकि यह एक्सप्रेस-वे मायावती के समय में पूरा नहीं हो सका। बाद में इसका उद्घाटन अखिलेश यादव ने किया, इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण जेपी ग्रुप ने किया था।यह एक 6-लेन 165 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेटर नोएडा को उत्तर प्रदेश में आगरा से जोड़ता है। एक्सप्रेसवे का निर्माण 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है।
यमुना एक्सप्रेसवे यूपी भाजपा के पूर्व दिग्गज के नाम पर पहली परियोजना नहीं
गौरतलब है कि यमुना एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व दिग्गज के नाम पर पहली परियोजना नहीं होगी। इससे पहले, यूपी सरकार ने वाजपेयी के निधन के तुरंत बाद नवंबर 2018 में राज्य की राजधानी लखनऊ में इकाना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदलकर 'भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम' कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को दोपहर 1 बजे उत्तर प्रदेश के जेवर, गौतम बुद्ध नगर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनआईए) की आधारशिला रखेंगे, उत्तर प्रदेश भारत का एकमात्र राज्य बन जाएगा जिसके पास पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे।