साल 2021 में कुछ राज्यों में राजनीतिक उठा-पटक देखने को मिली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीन राज्यों- कर्नाटक, गुजरात और उत्तराखंड में अपने मुख्यमंत्रियों को बदल दिया। उत्तराखंड में तो पार्टी को इस साल 2 बार मुख्यमंत्री बदलना पड़ा। जब ये साल खत्म हो रहा है और 2022 में हम प्रवेश करने वाले हैं तो एक बार फिर तीनों राज्यों की इस बड़ी राजनीतिक घटना से आपको अवगत कराते हैं।
कर्नाटक
इस साल जुलाई महीने के आखिरी सप्ताह में बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया। उनकी जगह पार्टी ने बसवराज बोम्मई को नया मुख्यमंत्री बनाया। येदियुरप्पा 2008 में पहली बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने। 2018 में उन्हें 2 दिन बाद ही पद से इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि वो बहुमत साबित नहीं कर पाए। इसके बाद वो 2019 से 2021 तक 2 साल मुख्यमंत्री रहे।
गुजरात
सितंबर के महीने में बीजेपी ने गुजरात में नेतृत्व में बदलाव किया। विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और उनकी जगह भूपेंद्रभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया। विजय रूपाणी 2016 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे और 2021 तक इस पद पर रहे। यहां मुख्यमंत्री ही नहीं पूरा मंत्रिमंडल भी बदला गया था। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नेतृत्व वाले पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल के किसी मंत्री को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया।
उत्तराखंड
उत्तराखंड की स्थिति और भी अलग रही। यहां चुनाव से पहले एक साल के अंदर 2 बार मुख्यमंत्री बदले गए। मार्च में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह भाजपा ने तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद जुलाई में उन्हें हटाकर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री चुना गया। हालांकि तीरथ सिंह रावत को हटाने के पीछे तर्क दिया गया कि उन्हें 6 महीने के अंदर विधानसभा जाने के लिए चुनाव लड़ना था, लेकिन जब 2022 की शुरुआत में चुनाव होने हैं तो ऐसे में राज्य में उपचुनाव नहीं होने थे। इसी संवैधानिक संकट के चलते तीरथ सिंह रावत को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।