- बढ़ती जनसंख्या के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ और असदुद्दीन ओवैसी आमने-सामने हैं।
- देश में अभी भी मुस्लिम समुदाय में प्रजनन दर सबसे ज्यादा है। उसके बाद हिंदू समुदाय का नंबर आता है।
- हालांकि पिछले 20 साल में मुस्लिम समुदाय में प्रजनन दर सबसे तेजी से कम हुई है।
Population In India:देश में बढ़ती जनसंख्या को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। जनसंख्या दिवस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वार दिए गए बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि देश में सबसे ज्यादा गर्भ निरोधक मुस्लिम इस्तेमाल करते हैं। इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़ना चाहिए लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी पैदा न होने पाए। उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि मूल निवासी की जनसंख्या कम हो जाए और किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ती चली जाए जिससे अराजकता फैलने का खतरा रहता है। अब इसी बहस को देखते हुए यह जानना जरूरी है कि देश में चाहे हिंदू, मुस्लिम या कोई और धर्म, समुदाय के लोग हो, उनकी प्रजनन दर क्या है।
भारत की क्या है प्रजनन दर
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) के अनुसार देश में प्रजनन दर लगातार घट रही है। साल 1992-93 के पहले नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार देश में उस वक्त 3.4 फीसदी प्रजनन दर थी। जो कि लगातार घटते हुए पांचवें हेल्थ सर्वे में घटकर 2.0 पर आ गई है। और यह गिरावट शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में देखने को मिली है। शहरी इलाकों में जहां यह 2.7 से घटकर 1.6 हो गई है। वहीं ग्रामीण इलाकों में यह 3.7 से घटकर 2.1 पर आ गई है।
धर्म/समुदाय | प्रजनन दर (1992-93) | प्रजनन दर (2019-21) | |
हिंदू | 3.30 | 1.94 | |
मुस्लिम | 4.41 | 2.36 | |
ईसाई | 2.87 | 1.88 | |
सिख | 2.43 | 1.61 | |
अन्य | 2.77 | 2.15 |
धर्म के आधार पर क्या है स्थिति
अब अगर इसे धर्म के आधार पर देखा जाय तो उसमें भी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 20 साल में सभी धर्मों के लोगों में प्रजनन दर घटी है। यानी अब पहले की तुलना में लोग कम बच्चे पैदा कर रहे हैं। सर्वे के अनुसार हिंदू, सिख, मुस्लिम , ईसाई और अन्य समुदाय के लोगों में प्रजनन दर घटी है। 1992-92 में जहां हिंदुओं की प्रजनन दर 3.30 थी, वही मुस्लिम में यह 4.41 थी। जबकि 2019-21 के पांचवे सर्वे में यह घटकर हिंदुओं में 1.94 और मु्स्लिम समुदाय में 2.36 पर आ गई है।
सबसे ज्यादा मुस्लिम समुदाय में प्रजनन दर
अगर पहले सर्वे को देखा जाय और उसके बाद किए गए अन्य 4 सर्वे के आंकड़ों को देखा जाय तो देश में अभी भी मुस्लिम समुदाय में प्रजनन दर सबसे ज्यादा है। 1992-93 में यह 4.41 थी, तो 2019-21 में यह 2.36 है। जबकि दूसरे नंबर पर हिंदुओं की प्रजनन दर है। जो 1992-93 में 3.30 थी और अभी यह 1.94 है। इसके बाद अन्य समुदाय की प्रजनन दर आती है।
धर्म/समुदाय | प्रजनन दर (1992-93) | प्रजनन दर (2019-21) | कितनी आई कमी | ||
हिंदू | 3.30 | 1.94 | 1.36 | ||
मुस्लिम | 4.41 | 2.36 | 2.05 | ||
ईसाई | 2.87 | 1.88 | 0.99 | ||
सिख | 2.43 | 1.61 | 0.82 | ||
अन्य | 2.77 | 2.15 | 0.62 | ||
बौद्ध | - | 1.39 | |||
जैन | - | 1.60 |
सबसे ज्यादा कमी मुस्लिमों में आई
ओवैसी जिस आधार पर इस बात का दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम सबसे ज्यादा गर्भ निरोधक इस्तेमाल करते हैं। उसकी वजह यह है कि पिछले 20 साल में सबसे तेजी से प्रजनन दर में गिरावट मुस्लिम समुदाय में ही देखी गई है। बीस साल में मुस्लिमों की प्रजनन दर में 2.05 फीसदी की कमी आई है। जबकि हिंदुओं के प्रजनन दर में 1.36 फीसदी की कमी आई है।