Yogi Adityanath Throwback: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट ब्रह्मलीन हो गए हैं। बीते सोमवार 89 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वह कुछ वक्त से बीमार चल रहे थे। तबियत अधिक बिगड़ने पर उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। एम्स में ही उन्होंने आखिरी सांस ली। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ इस समय 23 करोड़ जनता को कोरोना संक्रमण से बचाने में जुटे हुए हैं। राजधर्म निभाते हुए उन्होंने पिता के अंतिम दर्शन ना करने और अंतिम संस्कार में शामिल ना होने का फैसला किया था।
एक तरफ वह कोरोना से निपटने के लिए टीम 11 संग रणनीति बना रहे थे तो दूसरी तरफ ऋषिकेश में उनके पिता का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। आंखों में आंसू लिए भारी मन से उन्होंने इस दुख को अपने भीतर दबा लिया है। आपको बता दें कि संन्यास लेने के बाद योगी आदित्यनाथ परिवार से कम ही मिल पाए थे। गोरखपुर पहुंचने पर महंत अवेद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी बना दिया था और वह गोरखपुर की सेवा में जुट गए। पांच बार सांसद बने और 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री।
इस बीच उनके पिता अक्सर गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर आया जाया करते थे। गोरखपुर मंदिर के कई कर्मियों से उनके मधुर संबंध थे। वह वहां काफी वक्त गुजारते थे और वापस लौटने पर फोन से संपर्क में रहते थे। जब भी वह फोन करते तो सभी का हालचाल पूछते। फिर योगी आदित्यनाथ के बारे में पूछते कि छोटे बाबा कैसे हैं। पिता आनंद बेटे को अजय या योगी के नाम से नहीं बल्कि छोटे बाबा या महाराज कहकर बुलाते थे। शांतनु गुप्ता की पुस्तक योगी गाथा में इसका बिस्तार से जिक्र किया गया है।
खोजते हुए गोरखपुर पहुंचे थे पिता
बात 1992 की है जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में अवेद्यनाथ महाराज को योगी आदित्यनाथ का भाषण बेहद पसंद आया। उन्होंने चलते वक्त अजय सिंह बिष्ट (उस वक्त नाम) को गोरखपुर आने का निमंत्रण दिया। कुछ वक्त बाद वह मां से गोरखपुर जाने की कहकर घर से निकल गए। छह महीने तक वह नहीं लौटे और ना ही उनकी कोई खबर आई तो मां और परिवार को चिंता हुई। तब अखबार में फोटो छपने के बाद पिता उन्हें खोजने गोरखपुर पहुंचे थे।
रूप-रंग देखकर चौंके पिता
पिता जब गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पहुंचे तो देखा कि भगवा धारण किए सिर मुड़ाए उनका बेटा अजय फर्श की सफाई का मुआयना कर रहा था! इसके बाद तो पिता चौंक गए और उनसे घर चलने की जिद करने लगे। योगी ने तब उनकी मुलाकात अवेद्यनाथ से कराई। उन्होंने कहा कि आपके पास चार बेटे हैं, क्या आप एक को समाज कार्य के लिए नहीं दे सकते। पिता के पास कोई जवाब नहीं था। उन्होंने कुछ दिन गोरखपुर में बिताए और खाली हाथ अपने गांव पंचूर लौट गए।