विश्व की दूसरी सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भारत में कानून को लागू करवाना एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस की महती भूमिका के साथ ही साथ कठिनाई भी है। परिस्थितियाँ कितनी विकट क्यों न हो देश में उभरती चुनौतिओं से निपटने के लिए उनकी कार्यशैली और व्यवहार पर हमेशा सवाल भी खड़ा होता है। प्रश्न यह उठता है कि आखिर उनके द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन करने पर भी लोगो में संतुष्टि क्यों नज़र नहीं आती? क्या समस्यायों से निपटने का दायित्व सिर्फ उन्ही का है ? जाहिर है किसी भी देश की पुलिस व्यवस्था का सफल होना उनके द्वारा आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए जनता तक उनकी पहुँच तथा समस्याओं का तीव्रता से निस्तारण पर निर्भर करता है। साथ ही साथ वहाँ की जनता के द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन, तत्परता,सजगता और सहयोग से किया जाना आवश्यक होता है।
विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ४९वं वार्षिक पुलिस महानिदेशक/ पुलिस महानिरीक्षक सम्मलेन के दौरान बेहतर पुलिसिंग सुनिश्चित करने के लिए २०१४ में स्मार्ट (SMART) पुलिसिंग की अवधारणा दी। जिसका अर्थ है- सेंसटिव और स्ट्रिक्ट, मॉडर्न और मोबलिटी, अलर्ट और अकाउंटेबल,रिलाएबल और रेस्पोंसिव, ट्रेंड और टेको- सेवी। वहीं दूसरी तरफ देश के उप राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने पुलिस व्यवस्था और थानों को जनता के अनुकूल बनाने, पुलिस की क्षमता को बेहतर बनाने, जांच और पुलिस प्रशासन में सुधार के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने पर बल दिया। नागरिकों की सुरक्षा किसी भी देश के लिए उसका प्रथम कर्तव्य और जिम्मेदारी भी है। देश के नागरिकों के समक्ष जब कोई समस्या आती है तो सर्वप्रथम वह अपने निकट पुलिस थाने से संपर्क करता है ऐसे में उनकी समस्याओं का निस्तारण और उनको संतुष्ट करना उनके लिए उतना ही कठिन होता है। उनके द्वारा समस्या के प्रति संवेदनशीलता, उपयुक्त संसाधनों का प्रयोग, लोगों में उनके प्रति विश्वास आवश्यक होता है।
वर्तमान में विश्व के अन्य देशों के साथ साथ भारत भी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में अत्यधिक आबादी वाला भारत जहां अशिक्षा, जागरूकता की कमी के कारण अपनी जिम्मेदारिओं से लोगों का विमुख होना तथा संसाधनों की कमी के चलते इस महामारी से निपटना थोडा कठिन है। साथ ही साथ भारत की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की बात करे तो वहां की भी स्थिति अलग नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा जो भी कदम उठाये जा रहे हैं तथा जिस प्रकार कानूनों को तीव्रता से लागू कराया जा रहा है वह देश के अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन गया है। ज्ञात हो कि २०१९ में ‘बाल सुरक्षा और सर्विलांस एंड मॉनिटरिंग व महिला सुरक्षा’ के लिए “फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री” के द्वारा “फिक्की पुलिसिंग अवार्ड” उत्तर प्रदेश पुलिस को दिया है जो प्रशासन के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा महामारी से निपटने के लिए आला अधिकारों के साथ समीक्षा बैठक की गई। समीक्षा बैठक में अधिकारिओं के द्वारा उनके कार्यों के सुचारुरूप से निष्पादन न किये जाने पर फटकार लगाना बहुत ही चर्चित रहा। यदि हम पूर्व में देखें तो उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन की छवि ढीली-ढाली रही है लेकिन योगी सरकार के आने के बाद पुलिस की छवि में निरंतर सुधार हो रहा है। प्रशासन द्वारा तत्परता, संवेदनशीलता, सजगता के साथ जनता से शीघ्र संपर्क स्थापित कर लोगो की मदद की जा रही है।
पिछले दिनों राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, खासकर दिल्ली से प्रवासिओं का उत्तर प्रदेश के लिए पैदल ही पलायन करने से जो भी हालात उत्पन्न हुए उसको पुलिस प्रशासन ने बहुत ही गंभीरता से संभाला। प्रशासन स्मार्ट पुलिसिंग का बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए असहाय लोगों को मदद पहुंचा रहा है। लोगों के द्वारा सोशल मीडिया जैसे ट्वीटर, व्हाट्सप और सरकार द्वारा दिए गए हेल्प लाइन नम्बरों पर २४ घंटे त्वरित सेवा उपलब्ध कर समस्या का निवारण किया जा रहा है। बता दें कि इस आपदा से लोगो की सहायता तथा उनको सुरक्षित रखने के लिए सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाओं की घोषणा भी किया गया। साथ ही साथ प्रशासन को यह निर्देश दिया गया कि सुविधाओं को शीघ्रता से लागू कराये। प्रशासन द्वारा कार्यों में शीघ्रता दिखाते हुए अन्य विभागों के साथ मिलकर पुलिस न केवल नगरों में बल्कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में भी जरुरतमंदों को भोजन, राशन और चिकित्सीय सहायता भी उपलब्ध करा रही है।
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के साथ ही साथ निर्धारित मूल्यों पर वस्तुओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर रही है। इसी क्रम में मुनाफाखोरी की रोकथाम के लिए बनारस पुलिस के द्वारा एक आम नागरिक के रूप में औचक निरिक्षण भी किया गया। यह जानने का प्रयास किया गया कि विक्रेता आवश्यक वस्तुओं का विक्रय सरकार के द्वारा निर्धारित मूल्यों पर कर रहे है या नहीं। वहीं चिकित्सीय सहायता के सन्दर्भ में बात करें तो बरेली की मातृशक्ति तमन्ना का प्रसव भी पुलिस की सहायता से सम्पन्न कराया गया। सुविधाए और सहायता प्रदेश के आखिरी व्यक्ति तक पहुचे उसके लिए पुलिस के द्वारा अथक प्रयास किया जा रहा है। बीते दिनों एक रिक्शा चालक की दशा के बारे में व्हाट्सप पर जानकारी प्राप्त होते ही उसे भोजन और राशन उपलब्ध कराया गया।
योगी सरकार के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश प्रशासन स्मार्ट पुलिसिंग के मूल्यों को समाहित कर अन्य राज्यों के लिए श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। प्रेरित और प्रतिबद्ध पुलिस जनता से कानून का पालन और उनके लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित कर अपनी छवि और कार्य संस्कृति में सुधार भी कर रहा है। एक सफल सरकार के लिए हथियार और गोलाबारूद की उतनी आवश्यकता नहीं होती जितनी कि पुलिस प्रशासन के द्वारा कारगर तरीके से कानून व्यवस्था को बनाये रखने की। सही कानून व्यवस्था होने से समाज तथा देश में अमन और शांति को कायम किया जा सकता है जिससे देश का विकास हो सके।
लेखिका डॉ. खुशबू गुप्ता, दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। इस प्रस्तुत लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और टाइम्स नेटवर्क इन विचारों से इत्तेफाक नहीं रखता है।