- ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों को जारी किए 218.49 करोड़
- ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 35 हज़ार 938 परिवारों के खाने में ट्रांसफर किया फंड
- 'बैंकिंग कॉरसपोंडेंट सखी' से अब होगा घर-घर जाकर लेनदेन, बैंकों के चक्कर नहीं लगाने होंगे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बैंकिंग कॉरसपोंडेंट सखी योजना के तहत 58000 ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने की घोषणा की। यह ग्रामीण महिलाएं बैंकों से जुड़कर पैसे के लेनदेन को घर घर जाकर करवाएंगी। जिससे ग्रामीणों का सारा लेनदेन डिजिटल होगा और उन्हें बैंक जाने की आवश्यकता ही नहीं होगी। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा तो कम होगा ही, साथ में गांव की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 58 हजार बैंकिंग कॉरसपोंडेंट सखी को तत्काल तैनात करने की व्यवस्था करें। इसमें जो योग्य हों, जिनको जानकारी हो, उन लोगों का चयन ईमानदारी के साथ आवश्यक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम 58 हज़ार बैंकिंग कॉरसपोंडेंट सखी की घोषणा कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि इन सखियों को तत्काल तैनात करने की व्यवस्था की जाए। बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी को 4 हज़ार रुपए महीने, आगामी 6 महीनों तक प्रदान किए जाएंगे। डिवाइस के लिए भी 50 हज़ार रुपए उन्हें दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त बैंक भी उनको लेनदेन पर कमिशन देगा, जिससे उनकी हर महीने एक निश्चित आए बन जाएगी। उन्होंने कहा कि अब बैंकों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, बैंक खुद चलकर आपके पास आयेगा।
इसी के साथ मुख्यमंत्री ने 35 हज़ार 938 परिवारों को 218.49 करोड़ रुपए का रिवॉल्विंग फंड प्रदान किया है। ये फंड ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी की ओर से इस फंड के जरिये मास्क समेत सिलाई, कढाई, पत्तल, मसाले जैसे उत्पादों के लिए काम कर रही महिलाओं को मदद मिलेगी। इस फंड का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और स्वावलंबन को बढ़ावा देना है। उन्होंने विभिन्न जिलों के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी की। इन स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई अधिकतर महिलाएं प्रवासी कामगारों और श्रमिकों के परिवारों की हैं। मुख्यमंत्री ने बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी की भी घोषणा की जिसके तहत 58 हज़ार ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस कोरोना संकट के समय में भी हमारे महिला स्वयं सेवी संगठन हर संभव योगदान दे रहे हैं और कुछ तो स्वयं सेवी समूह ऐसे हैं, जिन्होंने इस मुश्किल वक्त में पीपीई किट का प्रोडक्शन भी किया है। इस से यह साबित होता है कि इस तरह के समूह अत्यंत प्रतिभाशाली हैं, जिन्हें यदि थोड़ा मार्गदर्शन और सहयोग दे दिया जाए तो वो कुछ भी करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम लोग महिला स्वयं समूहों को समय पर रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड उपलब्ध करवा देते हैं, तो ये ग्रामीण स्वावलंबन का एक आदर्श उदाहरण बन कर उभर सकते हैं।
प्रवासी श्रमिकों की प्रतिभा से यूपी बनेगा ब्रांड
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी प्रवासी कामगार और श्रमिकों को उनकी स्किल के अनुसार प्रदेश में रोजगार देगी, साथ ही उनकी हर सम्भव सहायता की जाएगी, जिससे उनकी प्रतिभा का लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा और देश और दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर होगा। उन्होंने कहा कि हम उत्तर प्रदेश को रेडीमेड गारमेंट्स का हब और ब्रांड बना सकते हैं।