- आगरा की रैली में सीएम योगी आदित्य नाथ भारत विरोधी नारे लगाने वालों पर भड़के
- 'विरोध के नाम पर भारत से आजादी जैसे नारे स्वीकार्य नहीं'
- 'सीएए के विरोध में महिलाओं और बच्चों का धरने में शामिल होना विपक्ष की साजिश'
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून का एक तरफ विरोध हो रहा है तो दूसरी तरफ इसके समर्थन में बीजेपी के दिग्गज अलग अलग जगहों पर रैलियां कर रहे हैं। इस मुद्दे पर एक से बढ़कर एक बयान सामने आ रहे हैं। मसलन केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 फीसद छात्रों के लिए जेएनयू और जामिया में सीट आरक्षित कर दी जाए तो देश विरोधी नारे नहीं लगेंगे। इस बीच कानपुर के बाद आगरा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीएए के विरोध में भारत के खिलाफ बोलने वालों को नसीहत दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कायर लोगों ने अब महिलाओं और बच्चों को आगे कर दिया है, लेकिन चिंता मत करो सरकार और प्रशासन अपनी शैली में इसका रास्ता भी ढूंढेगा। विरोध करने का अधिकार सबको है। लेकिन देश विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। पीएफआई और सिमी के इशारे पर जो लोग आग लगा रहे थे और माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे थे उन्हें पता चल गया होगा कि यूपी सरकाप जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है।
जब पीएफआई और सिमी के इशारे पर अशांति फैला रहे लोगों को पता चला कि अब उनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी तो अपनी इस मुहिम में महिलाओं और बच्चों को आगे कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि जिस विषय पर आप सरकार के नजरिए से सहमत ना हों विरोध करें। लेकिन भारत से आजादी, भारत माता से आजादी, कश्मीर की आजादी जैसे नारे स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं।