- टीकाकरण के दूसरे चरण में एम्स में पीएम मोदी को लगा कोरोना टीका
- प्रधानमंत्री ने योग्य लोगों से आगे आने और टीका लगवाने की अपील की
- कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि उनसे ज्यादा युवाओं को है टीके की जरूरत
नई दिल्ली : देश में एक मार्च से कोरोना टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू हुआ। इस चरण में 60 साल से ज्यादा उम्र और बीमारी से युक्त 45 वर्ष से अधिक के लोगों को टीका लगना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह एम्स जाकर स्वदेशी कोरोना टीके कोवाक्सिन का डोज लिया। नीतीश कुमार सहित कई नेताओं ने कोरोना टीका लगवाया। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कोविड-19 का टीका पहले युवाओं को लगना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या वह टीका लगवाएंगे।
युवाओं को पहले लगाएं टीका-खड़गे
इस पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'मेरी उम्र 70 साल से ज्यादा हो गई है। आप यह टीका उन युवाओं को लगाएं जिनके सामने पूरी जिंदगी पड़ी है। मैं मुश्किल से 10 से 15 साल जीवित रहूंगा।'
एम्स में पीएम को लगा वैक्सीन का पहला डोज
सोमवार को पीएम मोदी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के सीएम नीतीश कुमार सहित अन्य नेताओं को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया। पीएम सोमवार सुबह एम्स पहुंचे और भारत बॉयोटेक की ओर से तैयार स्वदेसी टीके कोवाक्सिन का डोज लगवाया। पीएम ने इस मौके पर योग्य लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की।
उन्होंने कहा, 'मैंने एम्स में कोरोना वैक्सीन की मेरी पहली खुराक ली, यह प्रशंसनीय है कि कैसे हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत बनाने का काम किया है। जो लोग वैक्सीन लेने के लिए योग्य हैं, मैं उनसे अपील करता हूं कि वे आगे आएं। इससे हम भारत को कोरोना मुक्त बना सकेंगे।'
अनिल विज बोले-मुझे वैक्सीन की जरूरत नहीं
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि उन्हें कोरोना का टीका लगवाने की जरूरत नहीं है क्योंकि कोविड-19 होने के बाद उनकी एंटीबॉटी 300 बनी है।
टीकाकरण के लिए पंजीकरण सुबह 9 बजे से वेबसाइट cowin.gov.in पर शुरू हो गया। हालांकि कई जगहों पर इसके खुलने में तकनीकी दिक्कत आई। लोग COWIN 2.0 पोर्टल या आरोग्य सेतु जैसे अन्य आईटी ऐप्लीकेशन पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे और टीकाकरण के लिए किसी भी समय और कहीं भी समय ले सकेंगे। 10,000 सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण मुफ्त होगा जबकि 20,000 निजी अस्पतालों में टीकाकरण का खर्च लोगों को स्वयं वहन करना होगा।