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'ना तो ये सेना प्रमुख हैं, ना ही अधिकारी, फिर वर्दी क्यों पहनी?' युवा कांग्रेस का PM मोदी पर सवाल

Updated Nov 17, 2020 | 09:48 IST

युवा कांग्रेस ने अपने ट्वीट में कहा है कि 'ना तो ये सेना के प्रमुख हैं, ना हीं अधिकारी. फिर एक असैन्य नेता का सेना की वर्दी पहनना कहां तक उचित है?' युवा कांग्रेस ने PM के सैन्य वर्दी पहनने पर सवाल उठाए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
सैन्य वर्दी पहनने पर युवा कांग्रेस ने पीएम पर सवाल उठाए हैं।
मुख्य बातें
  • देश की पश्चिमी सीमा जैसलमेर में पीएम मोदी ने अपनी दिवाली जवानों के साथ मनाई
  • लोंगेवाला पोस्ट पर जवानों से मिले पीएम, सेना के शौर्य एवं पराक्रम को जमकर सराहा
  • इस पोस्ट से पीएम ने दुश्मन देशों चीन और पाकिस्तान दोनों को दिया कड़ा संदेश

नई दिल्ली : अपनी परंपरा कायम रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार भी दिवाली सीमा पर जवानों के साथ मनाई। इस बार वह देश की पश्चिमी सीमा जैसलमेर पहुंचे और यहां अग्रिम मोर्च लोंगेवाला में जवानों के साथ वक्त गुजारा और उनसे बातें कीं। इस मौके पर पीएम ने सेना के पराक्रम एवं शौर्य को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और टैंक पर चढ़कर उसकी ताकत को भी परखा। 

टैंक की सवारी करते समय पीएम ने सैन्य यूनिफॉर्म पहना था जिस पर भारतीय युवा कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। युवा कांग्रेस ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि 'ना तो ये सेना के प्रमुख हैं, ना हीं अधिकारी. फिर एक असैन्य नेता का सेना की वर्दी पहनना कहां तक उचित है?' जाहिर है युवा कांग्रेस के इस ट्वीट के बाद भाजपा उस पर हमलावर हो सकती है।

साल 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने इस मोर्चे पर पाकिस्तानी सेना के दांत खट्टे कर दिए थे। यहां दोनों देशों के बीच भीषण लड़ाई हुई थी। मेजर कुलदीप चांदपुरी की अगुवाई भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे।

तस्वीर-नरेंद्र मोदी इंस्टाग्राम

लोंगेवाला पोस्ट पर मेजर कुलदीप के साथ भारत के 120 जवान तैनात थे। यहां पाकिस्तानी सेना करीब 45 टैंकों के साथ धावा बोला था लेकिन मेजर कुलदीप की सूझबूझ एवं दिलेरी के आगे पाकिस्तान के टैंक तबाह हो गए। इस पोस्ट पर पाकिस्तान की करारी हार हुई।

पश्चिमी मोर्चे पर जवानों को संबोधित करते हुए पीएम ने एक साथ पाकिस्तान और चीन दोनों को कड़ा संदेश दिया। पीएम ने कहा कि 'यह आज का नया भारत है। इस भारत की नीति बिल्कुल स्पष्ट है। आज का भारत समझने और समझाने की नीति पर काम करता है लेकिन अगर किसी ने आजमाने की कोशिश की तो उसका जवाब भी प्रचंड भी होगा।' पीएम बनने के बाद मोदी अपनी प्रत्येक दिवाली सीमा पर तैनात जवानों के साथ मनाते आए हैं। उन्होंने अपनी पहली दिवाली सियाचिन में तैनात जवानों के साथ मनाई। 

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