नई दिल्ली : विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक ने भारत से भागकर फिलहाल मलेशिया में शरण ले रही थी। लेकिन उसके विवादित बयानों की वजह से वहां भी उसके खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। संभवत: यही वजह है कि अब वह यहां से भी भागना चाहता और उसने इसके लिए कोशिश भी की थी। पर वह मलेशिया के बाद जिस देश में जाना चाहता था, उसने इसके लिए अनुमति नहीं दी।
जाकिर नाईक मलेशिया से भागकर मालदीव जाने की फिराक में था, लेकिन उसे इसके लिए अनुमति नहीं मिली। भारत दौरे पर आए मालदीव की संसद के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। मालदीव के संसदीय शिष्टमंडल के साथ भारत दौरे पर आए नशीद ने इसके संकेत भी दिए कि जाकिर के प्रत्यर्पण के लिए उनके देश की मलेशिया से बातचीत हो रही है।
जाकिर नाईक को मालदीव जाने से रोकने की बात ऐसे समय में सामने आई है, जबकि भारत और मालदीव के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है। दोनों देशों ने शुक्रवार को हिंद महासागर में साझा चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी समुद्री सुरक्षा को विस्तृत करने का भी संकल्प लिया। दोनों देशों का यह संकल्प हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण है।
यहां उल्लेखनीय है कि जाकिर नाईक (53) वर्ष 2016 में भारत से फरार हो गया था, जिसके बाद से वह मलेशिया में रह रहा है। भारत लगातार उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है। एनआईए ने उसके खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है, जिसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी उसके खिलाफ मामला केस दर्ज किया। नाईक और उसके ट्रस्ट पर अज्ञात लोगों से करोड़ों रुपये लेने का आरोप है।