Bundelkhand Expressway Inauguration, Bundelkhand Expressway Route Map, Opening, Status: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (16 जुलाई, 2022) को उत्तर प्रदेश के दौरे पर जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इसके बाद अपने संबोधन में बिना नाम लिए विपक्ष पर निशाना भी साधा। कहा कि सरकार के साथ मिजाज भी बदला, क्योंकि ये मोदी-योगी हैं, जो पुरानी सोच पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहे हैं।
पीएम ने यह भी कहा कि हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बंटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है।
रोचक बात है कि यह एक्सप्रेस वे 36 माह में बनना था, पर यह टाइमलाइन से पहले ही तैयार हो गया। पीएम ने इस एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास फरवरी, 2020 में किया था। कुल 296 किमी लंबे इस चार लेन वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में किया गया है। यह एक्सप्रेसवे इस इलाके में कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा।
किन सात जिलों से होकर गुजरता है यह एक्सप्रेस-वे?: आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है। यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का शिलान्यास और लोकार्पण दोनों हमारी सरकार में हुआ। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे भी इसी का उदाहरण है। इसका काम अगले साल फरवरी में पूरा होना था, लेकिन ये 7-8 महीने पहले ही सेवा के लिए तैयार है। हम समय की मर्यादा का पालन कैसे करते हैं, इसके अनगिनत उदाहरण यूपी में ही हैं। काशी में विश्वनाथधाम के सुंदरीकरण का काम हमारी ही सरकार ने ही शुरु किया और हमारी सरकार ने ही पूरा किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले की सरकार के समय यूपी में हर साल औसतन 50 किमी रेल लाइन का दोहरीकरण होता था, आज औसतन 200 किमी रेल लाइन का दोहरीकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले यूपी में सिर्फ 11,000 कॉमन सर्विस सेंटर थे, आज यूपी में 1.30 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है उसके मूल में दो पहलू हैं। एक है इरादा और दूसरा है मर्यादा। हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं।