किसानों के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार को पहले अपने कानूनों को वापस लेना चाहिए और उन्हें समिति बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है। दिल्ली की तीन सीमा-टिकरी, सिंघु और गाजीपुर पर जमे हजारों किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगें स्वीकर नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों के प्रतिनिधिमंडलों और सरकार के साथ गुरुवार को फिर बातचीत हुई। लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला। अब पांच दिसंबर को पांचवें दौर की बातचीत होगी।
किसान नेताओं ने कहा कि बातचीत में सरकार ने 3 केंद्रीय कृषि अधिनियमों में कुछ संशोधनों पर विचार करने की पेशकश की है। लेकिन हम लोगों का पक्ष यह है कि या तो मौजूदा कृषि कानून को हटा दे या विरोध करने वाले किसानों पर बल का उपयोग करके हटा दे। अब इस विषय पर अगले दौर की बातचीत पांच दिसंबर को होनी है, उससे पहले किसान संगठन आगे की चर्चा के लिए सिंघू बॉर्डर पर बैठक करेंगे।
विज्ञान भवन में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत हुई। आज की मीटिंग में किसान नेताओं ने 3 कृषि कानूनों की सभी खामियों को गिनवाया, केंद्र सरकार के पास किसान नेताओं के सवालों का कोई जवाब नहीं था। उसके बाद केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों में 8 मुद्दों पर संशोधन हेतु विचार करने का प्रस्ताव रखा जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया और किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून बनवाने की माँगों पर अडिग रहे। शुक्रवार सुबह 11 बजे सभी किसान नेताओं की बैठक सिंघु बॉर्डर पर होगी जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी। 5 दिसंबर को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में 2 बजे अगले दौर की बातचीत होगी।